अगर आप भी है भगवान से नाराज, तो इस मंदिर में करें शिकायत, जानें कैसे होता है फैसला…

जब हम किसी परिस्थिति में असहाय महसूस करते हैं तो भगवान को याद करते हैं। या जब किसी ने हमें कष्ट पहुंचाया हो तो हम उसकी शिकायत भगवान को करते हैं। कई बार ऐसा होता है जब हमें हर तरफ दुख मिलता है।

हम हर संभव कोशिश करने के बावजूद हम उस दुख से उभर नहीं पाते। हर तरफ से जब हार का सामना होता है तो भगवान के सामने लोग हाथ फैलाते हैं और जब किसी असहाय की पुकार भगवान नहीं सुनते।

अगर आप भी है भगवान से नाराज

तो दुख के मारे लोग भगवान को ही कोसने लगते हैं। आज हम आपको भारत में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान को सजा देने के लिए अदालत लगती है।

इस अदालत में भगवान पर लगे अपराध को सुना जाता है और उन्हें अदालत में पेश किया जाता है। बता दें कि भगवान पर अपराध सिद्ध होने के बाद उनको उचित सजा भी सुनाई जाती है।

इस सजा में भगवान को मंदिर से निष्काषित करने से लेकर मृत्युदंड तक कोई भी सजा सुनाई जा सकती है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के केशकाल नगर में भंगाराम देवी का मंदिर है। यहां हर साल भादो के महीने में एक जात्रा का आयोजन किया जाता है।

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इस इलाके के नौ परगना के 55 गावों में स्थापित मंदिरों के सैकड़ों देवी-देवताओं की आराधना की जाती है। हर साल आयोजित इस जात्रा में सारे गांव के लोग अपने-अपने भगवान को इस अनोखी अदालत में पेश करते हैं।

यहां आए लोग भंगाराम देवी से फरियाद करते हैं कि उन्हें न्याय मिले। इसके बाद भंगाराम देवी का पुजारी बेसुध हो जाता है। यहां के लोगों की मान्यता है कि स्वयं भंगाराम देवी पुजारी के अंदर प्रवेश करती हैं और फिर पुजारी के जरिए फैसला सुनाती हैं।

बता दें कि सजा में देवी-देवताओं को मंदिर से 6 महीने तक के निष्कासन से लेकर खंडित (मृत्युदंड) कर जेल तक की सजा सुनाई जाती है।

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