ये रहे सबूत, हिन्दूवाद से ‘समाजवाद’ की ओर टर्न हो रहे सीएम योगी!

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ ऐसी छवि के मालिक जिस पर समय-समय पर सवाल उठते रहते हैं. गोरखपुर से लगातार 4 बार सांसद योगी आदित्यनाथ की छवि एक कट्टर हिंदुत्ववादी नेता की रही है. क्षत्रिय धर्म से ताल्लुक रखने वाले योगी आदित्यनाथ अपनी फेहरिस्त के अनूठे नेता हैं जिनकी राजनीतिक यात्रा गोरखधाम पीठ से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पदस्थ होने तक अनेकों रोमांचक कहानियां समेटे है.योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ को उनके अथक प्रयासों के लिए बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश का मुखिया बना दिया लेकिन योगी का नाम आते ही उनकी कट्टर हिंदुत्व की छवि को लेकर अन्य विरोधी दलों में बहस का दौर चल निकला. लेकिन अपने 1 वर्ष के कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़ने के लिए अनेकों मिसालें पेश की हैं.

योगी आदित्यनाथ करीब एक साल पहले जिस तरह से मुस्लिम समाज के खिलाफ जहर उगलते थे, अब वैसी भाषा इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. वो अपनी इमेज को मेकओवर करने की कवायद में जुट गए हैं.

मस्जिद से परहेज नहीं

योगी आदित्यनाथ यूपी में कट्टर हिंदुत्व के सबसे  बड़े चेहरे के तौर पर पहचाने जाते हैं. मुख्यमंत्री बनने के पहले मुसलमानों को लेकर उनके विवादित बयान जगजाहिर हैं. अब प्रदेश के मुखिया हैं तो योगी मस्जिद भी जाने के लिए तैयार हैं. एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा अगर मुझे मस्जिद से आमंत्रण मिलता है तो मैं वहां भी जाऊंगा. मुझे बतौर मुख्यमंत्री कहीं जाने में कोई दिक्कत नहीं. वैसे मैं हिंदू हूं और मेरी आस्था के अनुसार पूजा पद्धति की मुझे स्वतंत्रता है. मैं प्रदेश के हर धर्म-मत के नागरिक का मुख्यमंत्री हूं और सबको अपनी आस्था का अनुसरण करने के लिए सरकार पूरी सुरक्षा देगी.’

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मदरसे और संस्कृत स्कूल

योगी आदित्यनाथ एक दौर में मदरसों के विरोध में थे. सीएम बनने से पहले तक योगी मदरसों को लेकर तरह तरह आरोप लगाते रहते थे. लेकिन अब मदरसों को लेकर उनके तेवर बदल गए हैं. योगी कह रहे हैं कि मदरसों को बंद करना हल नहीं है, बल्कि मदरसों और संस्कृत विद्यालय का आधुनिकीकरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संस्कृत विद्यालयों को भी अन्य विषयों को अपनाना चाहिए, तभी फायदा होगा. मदरसा और संस्कृत विद्यालय की बात एक साथ करना योगी की परपंरागत छवि के विपरीत है.

ताजमहल यात्रा के दौरान लगाई झाड़ू

उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेता जिस समय ताजमहल को लेकर बयानबाजी कर रहे थे. बीजेपी नेता ताजमहल को शिवमंदिर बताने में लगे थे. इन सबके बीच योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता अभियान का आगाज के लिए ताजमहल के परिसर में जाकर झाड़ू लगाई. झाड़ू लगाने के बाद सीएम योगी शाहजहां पार्क के पुनरुद्धार व आगरा किला- ताज महल के मध्य पैदल पथ के विकास योजना का शिलान्यास किया. योगी का ताज परिसर में झाड़ू लगाना और ताज परिसर को सुंदर बनाने की लिए शुरू की गई योजनाएं उनके ही पार्टी के कई नेताओं को बहुत खली थीं. लेकिन योगी का ये कदम उनकी छवि के विपरीत था.

पद्मावत पर प्रतिक्रिया नहीं दी

पद्मावत फिल्म को लेकर बीजेपी शासित राज्य के सीएम जिस तरह से सख्त रवैया अख्तियार किए हुए थे, वैसा रुख यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा फिल्म पर लगी रोक हटाए जाने के बाद योगी ने पद्मावती फिल्म को लेकर कोई बयान नहीं दिया है और न ही फिल्म को सूबे में बैन करने की बात कही है. जबकि राजपूत समाज इस फिल्म को लेकर गुस्से में है. इन सबके बावजूद योगी का फिल्म पर बैन न लगाना कहीं न कहीं उनके छवि के विपरीत है. हालांकि योगी खुद भी राजपूत समाज से आते हैं.

नोएडा के डर को खत्म किया

यूपी की सियासी जमात के बीच अनकही मान्यता है कि मुख्यमंत्री रहते हुए जो भी शख्स नोएडा पहुंचेगा, उसकी सत्ता छिन जाएगी. अपशकुन का ये चक्रव्यूह इतना खतरनाक माना जाता है कि 19 सालों में सिर्फ मायावती ने ही बतौर सीएम नोएडा का दौरा किया था. उसके बाद वो भी सत्ता में वापस नहीं आ सकीं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर इस मिथक को तोड़ा है. सीएम पद संभालने के बाद से योगी तीन बार नोएडा का दौरा करके टोटके को खत्म कर रहे हैं.

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मध्यमवर्ग पर नजर  

योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्व छवि के चलते उनकी पकड़ समाज के एक क्लास में है. सीएम बनने के बाद अब अपना दायरा बढ़ाना चाहते हैं. समाज के मिडिल क्लास के दिलों में अपनी जगह बनाने की दिशा में उन्होंने कदम बढ़ाया है. इसी के मद्देनजर उन्होंने बिल्डर्स से होम बायर्स को आवास दिलाने का बीड़ा उठाया.

दशकों से बिल्डर्स के मनमानी रवैये से खरीददार से लेकर व्यापारिक साझीदार परेशान थे. ऐसे ही बिल्डर्स होम बायर्स को आवास का कब्जा देने को तैयार नहीं थे. प्रदेश में सरकारें आईं और चली गईं लेकिन होम बायर्स की परेशानियां जस की तस बनी रहीं. योगी के सत्ता में आते ही 40 हजार से ज्यादा बायर्स को घर उपलब्ध कराया. होम बायर्स में बड़ा तबका मिडिल क्लास से आता है. इसी तरह मिडिल क्लास के लिए कई कदम उठाए हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए उठाए गए कदमों को देखते हुए कहा जा सकता है की राजनैतिक बयान सत्ता पर अधिपत्य के लिए जरूर हो सकते हैं लेकिन स्वयं सत्ता किसी राजनीतिक लोलुपता से प्रेरित नही होनी चाहिए यही राजनीतिक धर्म भी है और एक राजनेता का कर्तव्य भी.

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