सीएम योगी के इस विवादित बयान पर नहीं होगी रिपोर्टिंग : HC

योगी आदित्यनाथलखनऊ। यूपी की कमान संभालने वाले योगी आदित्यनाथ सीएम बनने से पहले गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे चुके हैं। हालांकि सीएम बनने से पहले योगी आदित्यनाथ अपने विवादित बयानों के चलते कई बार विवादों में घिरे रहे हैं। एक ऐसा ही भड़काऊ भाषण योगी का पीछ अब भी कर रहा है। दरअसल, 2008 में योगी ने एक ऐसा विवादित बयान दिया था। इस बयान की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट अब भी चल रही है। इतना ही नहीं कोर्ट ने फैसला आने तक इस बयान की मीडिया रिपोर्टिंग पर भी रोक लगा दी है।

हाईकोर्ट का कहना है कि गलत रिपोर्टिंग से प्रदेश की छवि खराब हो सकती है। इस संबंध में 7 नवंबर को हाईकोर्ट के दो जजों जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अखिलेश चंद्र के बेंच ने इसपर फैसला सुनाया था।

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इलाहाबाद के स्थानीय अखबारों और राष्ट्रीय अखबार इस मामले में तथ्यहीन रिपोर्टिंग करते रहे हैं। यही वजह है कि कोर्ट का ध्यान इस ओर दिलाया गया है।

ख़बरों के मुताबिक कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने कहा कि कई बार गलत रिपोर्टिंग की जाती है। बिना तथ्यों के खबरें की जाती है। चूंकी मुख्यमंत्री योगी मुख्य आरोपी हैं, अगर ऐसा हुआ तो राज्य की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।

गोरखरपुर दंगों के खिलाफ यह याचिका गोरखपुर निवासी परवेज परवाज और असद हयात की ओर से दायर की गई है। परवाज इस दंगे के बाद गोरखपुर में दर्ज कराई गई एफआईआर में शिकायतकर्ता हैं, जबकि हयात गवाहों में से एक हैं। एफआईआर में उन्हें गोरखपुर की तत्कालीन मेयर रहीं अंजू चौधरी और स्थानीय विधायक रहे राधा मोहनदास अग्रवाल के साथ नामजद किया गया है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी, 2007 में गोरखपुर में दो समुदायों के बीच दंगा भड़क उठा था। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। पुलिस के मुताबिक यह विवाद मुहर्रम पर ताजिए के जुलूस के रास्ते को लेकर शुरु हुआ था।

इस मामले में तत्कालीन बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ, स्थानीय विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और उस समय शहर की मेयर रही अंजू चौधरी पर आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस के मना करने के बावजूद रेलवे स्टेशन के पास भड़काऊ भाषण दिया था जिसके बाद यह दंगा भड़क उठा था।

दंगे के बाद योगी आदित्यनाथ के ऊपर कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

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