
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शाहरुख खान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स के खिलाफ आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर सवाल उठाए।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शाहरुख खान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स के खिलाफ आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर सवाल उठाए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आर्यन खान द्वारा निर्देशित वेब सीरीज़ “द बैड्स ऑफ बॉलीवुड” ने वानखेड़े की मानहानि की और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाई।
न्यायमूर्ति ने पूछा कि यह मामला दिल्ली में कैसे चल सकता है और क्या वाद का कारण राजधानी में ही उत्पन्न हुआ था। वानखेड़े के वकील संदीप सेठी ने अदालत को बताया, “इसे दिल्ली के दर्शक देखते हैं। जहाँ तक वेब सीरीज़ को दिल्ली में देखने के लिए प्रकाशित करने का सवाल है, तो मेरी मानहानि हुई है।” अदालत ने वानखेड़े को निर्देश दिया कि वे अपनी याचिका में संशोधन करके स्पष्ट रूप से दर्शाएँ कि दिल्ली ही उचित क्षेत्राधिकार है।
याचिका में कहा गया है कि सीरीज़ में एक किरदार को राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह “सत्यमेव जयते” का नारा लगाने के तुरंत बाद एक अश्लील इशारा करते हुए दिखाया गया है—बीच की उँगली उठाते हुए। याचिका में कहा गया है, “यह कृत्य राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के प्रावधानों का गंभीर और संवेदनशील उल्लंघन है, जिसके लिए कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
मानहानि के अलावा, याचिका में यह भी दावा किया गया है कि वेब सीरीज़ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) का उल्लंघन करती है। वानखेड़े का तर्क है कि सामग्री जानबूझकर आपत्तिजनक है और राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से बनाई गई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अब अधिकारी से अपनी याचिका में संशोधन करने को कहा है ताकि यह स्पष्ट रूप से स्थापित हो सके कि कार्रवाई का कारण दिल्ली में हुआ था, जिससे कार्यवाही आगे बढ़ सके।