चौथी पास किसान की अनोखी खोज टाल देगी दुनिया का सबसे बड़ा संकट
रिपोर्ट- अमित भार्गव
मथुरा। चौथी कक्षा तक पढ़ाई करने वाले मथुरा के एक 36 वर्षीय किसान ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो हवा से बिजली बनाएगी। किसान ने अपने इस अविष्कारी मशीन से बिजली बनाकर और जलाकर दिखाई तो हर कोई उसकी इस खोज के लिए उसकी तारीफ करते नहीं थक रहा है। वहीं अपनी इस नई तकनीक के आविष्कार के बारे में किसान का कहना है कि उसे इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए सरकार से कोई मदद नहीं मिली लेकिन अब भी वह सरकारी सहायता मिलने की उम्मीद संजोय हुए है।
मथुरा से करीब 45 किलोमीटर दूर छाता क्षेत्र के गंव गढ़ी डड्डी के रहने वाले उदयवीर ने अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसे प्रोजेक्ट को तैयार किया है जिसकी किसी भी गांव के निवासी ने कल्पना भी नहीं की थी की उदयवीर पानी से बिजली नहीं बल्कि हवा से बिजली को बनायेगा। जब लोगों ने ऐसा सुना तो लोग अपने आप को नहीं रोक पाए और उदयवीर के द्वारा बनाये गए प्रोजेक्ट को देखने के लिए गए। जब उदयवीर ने हवा से बिजली बनाकर लोगों को दिखाया तो लोग उसके द्वारा बनाये गए प्रोजेक्ट की प्रशंसा करते हुए नहीं थक रहे है।
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स्थानीय लोग इस प्रोजेक्ट को एक नया अबिष्कार मान रहे है। किसान उदयवीर ने बताया कि उसके पिता किसानी के साथ-साथ गांव के ट्रैक्टर को ठीक किया करते थे और मैं उन्हें इस काम को करते हुए देखता रहता था एक दिन मैं और मेरी पत्नी खेत पर गए। खेत पर गेहूँ काटने के बाद जब हम लोग घर वापस आये तो घर आकर देखा की लाइट नहीं है और इन्वर्टर भी डाउन पड़ा हुआ है। मैंने पापा के काम को अपने दिमाग में पहले से ही बैठा रखा था और उसी को देखते हुए मैं एक छोटी से मशीन पर अपना काम करना शुरू किया और जैसे जैसे मुझे सफलता मिलती गयी मैंने और बड़ा करने की ठान ली और 2010 से मैंने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया और 8 साल 7 महीने की कड़ी मेहनत के बाद मैंने एक ऐसी मशीन तैयार कर दी जिससे बिना पानी के बिजली बनायीं जा सकती है । मैंने अपने द्वारा बनायीं गयी मशीन से अपने पूरे घर की बिजली जला रहा हूँ ।
किसान नें मशीन का नाम उदय भाष्कर इलेक्ट्रिक जनरेशन दिया है। इस मशीन को बनाने के लिए करीब 1 लाख 50 हजार रूपये का खर्च आया और इस प्रोजेक्ट पर काम करते करते उदयवीर की पैर की जो नशे थी वो ब्लॉक हो गयी और 2015 में उनका पैर डॉक्टर को काटना पड़ा। इनकी मदद जान पहचान के लोग कर रहे है या रिश्तेदार कर रहे है। उदयवीर अपने गांव से करीब पांच साल पहले छाता आ गया तब से लेकर आज तक किराये के मकान में रहकर अपना जीवन यापन सगे सम्बधियों के ऊपर निर्भर रह कर रहा है ।
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उदयवीर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपने प्रोजेक्ट के बारे में चिट्ठी पोस्ट के द्वारा प्रधान मंत्री ऑफिस भेज चुका है लेकिन ना तो मोदी ने सुनी और ना ही यूपी सरकार की तरफ से कोई मदद मिली है । उदयवीर ने बताया की स मशीन में चार बैटरी लगी हुई है और डीसी से मोटर, मोटर से रोटर, रोटर से अल्टीनेटर में सप्लाई जाती है और जैसे ही ऑक्सीजन बनने लगती है वैसे ही बिजली का बनना भी शुरू हो जाता है औऱ पूरे दिन में एक व्यक्ति जितनी ऑक्सीजन लेता है उतनी ही मशीन ऑक्सीजन अपने अंदर लेती है इससे लगातार बिजली बनायीं जाती है और किसी प्रकार का कोई भी प्रदूषण इससे नहीं होता है।