(अराधना)
आज (3 मई) ‘विश्व अस्थमा दिवस’ है। हर साल मई माह के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस अस्थमा रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो कि फेफड़ों के माध्यम से श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है।

अस्थमा सांस की नली और फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें कई बार सही समय पर मरीज को इलाज ना मिले, तो उसकी जान भी जा सकती है। यह रोग बच्चों से लेकर वयस्कों को कभी भी हो सकता है। बच्चों में अस्थमा के लक्षण पहचानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन इन बातों पर ध्यान देकर आप इसके लक्षणों को पहचान सकते है।
बच्चों में अस्थमा के लक्षण
सांस लेते वक्त पेट सामान्य से अधिक हिलना।
बेवजह खांसी आना, रात को सोते वक्त और भी ज्यादा खांसना।
सांस से घरघराहट की आवाज आना।
सामान्य गतिविधि करने पर भी तेज-तेज सांस आना।
बच्चे का जल्दी थक जाना।
खाना निगलने या पानी पीने में तकलीफ होना।
चेहरे और नाखून का रंग हल्का हो जाना या नीला पड़ जाना आदि। कभी भी बच्चे में अस्थमा से जुड़े ऐसे कोई भी लक्षण नजर आए तो डॉक्टर से सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। बच्चे की सही समय पर देखभाल करके इस समस्या से को दूर किया जा सकता है।

अस्थमा के कारण हो सकती हैं ये परेशानियां
निमोनिया और स्लीप डिसऑर्डर का हमेशा के लिए रिस्क रहना। गंभीर रूप से अस्थमा का अटैक आना जिसके कारण बच्चा घर में रहने से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहता है। अस्थमा अटैक आने पर बच्चा अक्सर चिड़चिड़ा, असहज और थका हुआ महसूस करता है।
इन चीजों से करें परहेज
अस्थमा से ग्रसित बच्चों को गरिष्ठ भोजन, तली-भुनी चीजों को नहीं देना चाहिए। बच्चे कोल्ड ड्रिंक किसी भी समय पीने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन ऐसे लक्षण दिखने पर इससे परहेज करना चाहिए। अधिक मीठा, ठण्डा पानी, खाने के साथ हर बार दही भी नहीं देनी चाहिए।