नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए महिलाओं ने शुरू किया आंदोलन

रिपोर्ट- विनोद कुमार

चित्रकूट। धर्म नगरी चित्रकूट की जीवन दायिनी मंदाकिनी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए जहां प्रशासनिक अमले से लेकर आम जनता तक प्रयासरत है वही एक प्रभावशाली व्यक्ति नदी को प्रदूषित कर नगर वासियों को प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर किये हुए है। यहां तक कि इस दबंग के सामने प्रशासन भी बौना साबित हो रहा है। अब इस प्रभावशाली दबंग से निपटने के लिए नगर पालिका परिषद के सभासदों ने आंदोलन भी छेड़ दिया है किन्तु कार्यवाही के नाम पर लीपापोती शुरू करने के अलावा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे आक्रोशित आंदोलनरत सभासदों ने 25 जून से भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है।

पानी के लिए जुलूस

बता दे कि चित्रकूट जिला मुख्यालय के समीप मंदाकिनी नदी के किनारे अशोक गुप्ता नाम के व्यक्ति का त्रिवेणी गौशाला नाम से डेयरी फार्म है जहां पर गायों का गोबर सीधे नदी में डाला जाता है और वही से इंटेकवेल बना कर नगर के लिए पेयजल की आपूर्ति की जाती है जिससे शहर में प्रदूषित गंदा पानी सप्लाई होने से बीमारियां फैल रही है।

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नदी में गोबर की गंदगी से नगर वासियो में भी जमकर आक्रोश है और इस बात की शिकायत भी जिला प्रशासन से की गई है किंतु प्रशासन गौशाला का गोबर नदी में जाने से नही रोक पाया है। इससे नाराज कर्वी नगर पालिका परिषद के दर्जन भर सभासदों ने क्रमिक अनशन कर गौशाला हटाने की मांग पर डट गए है। मांग न मानी जाने पर सभासदों व दो दर्जन महिलाओं सहित आज मशाल जुलूस निकाला और साथ ही 25 जून सोमवार से भूख हड़ताल करने की चेतावनी दे दी है।

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