स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला, भाजपा पर गंभीर आरोप, बोले- ‘कानून व्यवस्था ध्वस्त’

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली में 6 अगस्त 2025 को उन पर हुए हमले के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के संरक्षण में गुंडे और माफिया विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे हैं, और इसमें भाजपा के नेता भी शामिल हैं। लखनऊ में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में मौर्य ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।

6 अगस्त को रायबरेली के सारस मोटल चौराहे पर स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत हो रहा था, तभी दो युवकों—रोहित द्विवेदी और शिवम यादव—ने उन पर हमला कर दिया। एक युवक ने माला पहनाने के बहाने मौर्य को थप्पड़ मारने की कोशिश की। इससे नाराज मौर्य के समर्थकों ने दोनों हमलावरों को पकड़कर पीटा। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया, और मिल एरिया थानाध्यक्ष अजय राय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की गई है। हमलावरों ने दावा किया कि मौर्य की सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों के कारण उन पर हमला किया गया।

मौर्य का बयान

मौर्य ने इस घटना को योगी आदित्यनाथ सरकार में गुंडों और माफियाओं के बढ़े हौसलों का सबूत बताया। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी यात्रा की सूचना पहले दे दी थी, जिसके कारण मेरे समर्थक और पुलिस मौजूद थी, वरना स्थिति गंभीर हो सकती थी।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संरक्षित अपराधी न केवल विपक्षी नेताओं, बल्कि सत्तारूढ़ दल के विधायकों को भी निशाना बना रहे हैं। मौर्य ने दावा किया कि भाजपा के कई मंत्री और विधायक भी सरकार से असंतुष्ट हैं। उन्होंने विशेष रूप से पिछड़े और एससी-एसटी समुदाय के विधायकों पर हमले का जिक्र किया, जिनमें एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई।

मौर्य ने उत्तर प्रदेश में जंगलराज का आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस की मौजूदगी में दिनदहाड़े चौराहे पर मारपीट हो रही है। यह दिखाता है कि एक विशेष समुदाय को अपराध करने का लाइसेंस मिला हुआ है।” मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) और भाजपा को एक ही सिक्के के दो पहलू करार देते हुए कहा कि दोनों दलों के शासन में गुंडागर्दी चरम पर थी।

इस घटना पर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने हमले की निंदा की और कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यूपी पुलिस से हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। मौर्य ने सपा की पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) पाठशाला को “नूरा कुश्ती” करार देते हुए कहा कि सपा और भाजपा का चाल, चरित्र, और चेहरा एक जैसा है। उन्होंने सपा पर प्राथमिक स्कूलों के मर्जर के खिलाफ ठोस विरोध न करने का भी आरोप लगाया, जबकि उनकी पार्टी ने इस मुद्दे पर व्यापक प्रदर्शन और बाइक रैलियाँ आयोजित कीं।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष के इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि योगी सरकार में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि सपा शासन में लोग पलायन करने को मजबूर थे, जबकि भाजपा सरकार में लोग घर वापस लौट रहे हैं।

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