बहराइच में फिर भेड़िए की दस्तक: ननिहाल आए मासूम को घर से उठा ले गया भेड़िया, गन्ने के खेत में बनाया शिकार, ऐसी हालत में मिला शव

बहराइच जिले में एक बार फिर भेड़िए के हमले ने दहशत फैला दी। हरदी थाना क्षेत्र के गदामार कला ग्राम पंचायत के मजरा गढ़ीपुरवा में सोमवार, 2 जून 2025 की रात करीब 12 बजे एक भेड़िए ने मां के साथ सो रहे दो साल के बच्चे आयुष को उठा लिया और गन्ने के खेत में ले जाकर उसका शिकार कर लिया। बच्चे के दोनों हाथ और एक पैर चबा लिए गए। मंगलवार सुबह गांव से दो किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में उसका क्षत-विक्षत शव मिला, जिसे देखकर मां और परिजन पछाड़ खाकर गिर पड़े।

के साथ अपने मायके गढ़ीपुरवा आई थी। सोमवार रात मां-बेटा घर के बाहर सो रहे थे। आधी रात को भेड़िया दबे पांव आया और आयुष को दबोचकर गन्ने के खेत की ओर भाग गया। आयुष का हाथ मां के आंचल में था, जिसके खींचे जाने पर खुशबू जाग गई और शोर मचाया, लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर भेड़िया भाग निकला। ग्रामीणों और परिजनों ने रातभर तलाश की, लेकिन सुबह 5 बजे बच्चे का शव गन्ने के खेत में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की बजाय भेड़िए के हमले से मौत की पुष्टि हुई।

घटना हरदी थाना क्षेत्र में भेड़ियों के हमलों की शृंखला में ताजा मामला है। पिछले छह महीनों में महसी तहसील के 50 से अधिक गांवों में भेड़ियों ने 8 लोगों की जान ली थी, जिनमें 7 बच्चे शामिल थे। 2024 में “ऑपरेशन भेड़िया” के तहत वन विभाग ने छह भेड़ियों के झुंड को पकड़ा था, जिसके बाद दहशत कम हुई थी। हालांकि, इस ताजा हमले ने क्षेत्र में फिर से खौफ पैदा कर दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया, क्योंकि सूचना देने के बावजूद कोई वन कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। हरदी थाना पुलिस ने ग्रामीणों के साथ तलाश की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए और वन विभाग की निष्क्रियता पर गुस्सा जताया। उनका कहना है कि गन्ने के खेत भेड़ियों के लिए छिपने की सुरक्षित जगह बन गए हैं, और वन विभाग ने इस खतरे को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे के गायब होने की सूचना तुरंत दी गई थी, लेकिन पुलिस के अलावा कोई वन कर्मी नहीं आया।

बहराइच के महसी तहसील में भेड़ियों का आतंक पिछले साल जुलाई से शुरू हुआ था, जब छह भेड़ियों के झुंड ने कई गांवों में हमले किए। इन हमलों में बच्चों और कम उम्र की महिलाओं को निशाना बनाया गया, खासकर गन्ने के खेतों के पास बसे घरों को। अक्टूबर 2024 में “ऑपरेशन भेड़िया” के तहत आखिरी भेड़िया मारा गया था, लेकिन यह नया हमला दर्शाता है कि खतरा अभी टला नहीं है। इसके अलावा, बहराइच में हाल के महीनों में आवारा कुत्तों और तेंदुओं के हमलों ने भी ग्रामीणों की चिंता बढ़ाई है।

हरदी थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वन विभाग के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) अजीत सिंह ने कहा कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं और यह पता लगाया जाएगा कि क्या यह हमला किसी नए भेड़िए या बचे हुए भेड़िए का है। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे रात में बाहर न सोएं और गन्ने के खेतों में अकेले न जाएं।

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