नई दिल्लीः पेटीएम की तरह ही मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप भी जल्द ही डिजिटल पेमेंट की शुरुआत कर सकता है. इसकी तैयारी कई महीनों से की जा रही है. लेकिन डाटा प्राइवेसी की वजह से अभी तक यूजर्स को इसका फायदा नहीं मिल पाया है.
शुरुआत तो हालांकि यह टेस्टिंग के दौर में था और अब भी है. पेटीएम के सीईओ ने वॉट्सऐप की प्राइवेसी को लेकर सवाल भी खड़े किए थे.
इस सुविधा को मार्च में लॉन्च होना था लेकिन फेसबुक-कैंब्रिज ऐनालिटिका स्कैंडल के बाद से यह बीच में लटक गया है, क्योंकि अभी तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हरी झंडी नहीं दिखाई है.
लेकिन ET की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप पे बीटा वर्जन के टेस्टिंग सैंपल को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने सिर्फ 1 मिलियन यूजर तक लिमिट कर दिया है, जो वॉट्सऐप के टोटल यूजर्स का सिर्फ 1 फीसदी ही है. भारत में वॉट्सऐप के लगभग 200 मिलियन मथली यूजर्स हैं और रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 7 लाख लोगों ने वॉट्सऐप पे को ट्राई किया है.
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की गाइडलाइन में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन है जिसे वॉट्सऐप नहीं मानता है. रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे UPI ऐप्लिकेशन की तरह बैंकर्स का मानना है कि वॉट्सऐप टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को नहीं मानता है.
वॉट्सऐप पे शुरू होने के पीछे दूसरा पेंच डेटा लोकलाइजेशन भी है.
एक सीनियर बैंकर के हवाले से कहा गया है, ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का मैंडेट साफ तौर पर कहता है कि फाइनेंशियल डेटा देश में ही स्टोर होना चाहिए, लेकिन वॉट्सऐप और गूगल जैसी कंपनियां यूजर्स की आय से संबंधित जानकारियां भी रखेगी, जिसे फाइनेंशियल जानकारी नहीं कही जाती और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सिर्फ फाइनेंशियल जानकारियां रेग्यूलेट करता है.