WHATSAPP के जरिए किसी भी फोन पर कॉलिंग की सुविधा
एजेन्सी/आप जल्दी ही लोकप्रिय ऐप्स स्काइप, वॉट्सऐप और वाइबर के जरिए किसी भी लैंडलाइन फोन और मोबाइल फोन पर कॉल कर सकेंगे। मौजूदा समय में ऐप टू ऐप कॉलिंग के सुविधा उपलब्ध है। सरकार के एक अंतर-मंत्रालयी पैनल ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और टेलीकॉम ऑपरेटरों के बीच इंटर-कनेक्ट समझौतों के लिए मंजूरी दे दी है।
कुछ समय पहले भारती एयरटेल ने अपने ग्राहकों को स्काइप, वीबर या अपने मोबाइल डेटा पैक का इस्तेमाल करने वाले दूसरे ऐप्स के जरिए कॉल करने पर अतिरिक्त भुगतान करने की बात कही थी।
कंपनी ने वायस कॉल ओवर इंटरनेट इंटरनेट (वीओआईपी) पर कॉल करने के लिए स्टैंडर्ड डेटा रेट चार्ज करने का फैसला किया। वीओआईपी डेटा के लिए अलग से पैसे कटेंगे और यह मौजूदा डेटा पैक का भाग नहीं होगा।
एयरटेल की वेबसाइट पर कहा गया कि सभी इंटरनेट डेटा पैक या प्लान सिर्फ इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए वैध होंगे और वीओआईपी इसमें शामिल नहीं होगा। वीओआईपी के लिए स्टैंडर्ड डेटा रेट 4 पैसे प्रति 10 केबी (3जी सेवा) और 10 पैसे प्रति 10 केबी (2जी सेवा) चार्ज किया जाएगा।
अब लोगों को इंटरनेट से कॉल करने की आजादी मिल गई है। सरकार ने यूजर्स के लिए इंटरनेट टेलीफोनी का दरवाजा खोल दिया है। इस सर्विस के जरिए उपभोक्ता अब बेरोकटोक इंटरनेट टेलीफोनी का मजा उठा सकते हैं।
फिलहाल अभी इस बात का कोई खुलासा नहीं किया गया है कि वॉट्सऐप, स्पाइप या वाइबर के जरिए होने वाली कॉल की दर क्या होगी। लेकिन उम्मीद है कि कॉल के लिए इस्तेमाल किए गए इंटरनेट डेटा के अनुसार बिल तय होगा।
क्या है VOIP?
वीओआईपी का मतलब है वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल। इस सर्विस से इंटरनेट यूजर्स अपने मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप के जरिए इंटरनेट टेलीफोनिक बात कर सकते हैं।
इंटरनेट टेलीफोनी, इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीफोनी को वीओआईपी की ही तरह इस्तेमाल किया जाता है। अगर इस सेवा का इस्तेमाल इंटरनेट ब्रॉडबैंड के जरिए किया जाता है, तो इसको ब्रॉडबैंड टेलीफोन के नाम से भी पुकारते हैं।
वीओआईपी के जरिए इंटरनेट टेलीफोनी साधारण कॉल की तुलना में काफी सस्ती होती है। इस सर्विस में ऐसा कोई नियम नहीं होता है कि किस कॉल के लिए कितनी रकम देनी है। इससे आप बेहद सस्ती दरों पर दुनिया में कहीं भी कॉल कर सकते हैं। बस इसके लिए सिर्फ आपको इंटरनेट की जरूरत है।
कैसे होती है कॉल?
वीओआईपी एनालॉग वॉइस सिग्नल को डिजिटल डाटा में बदल देता है। इसके जरिए आप रियल टाइम टू वे कम्युनिकेशन कर सकते हैं। अगर आप स्मार्टफोन फोन से कॉल कर रहे हैं, तो कॉल सिग्नल दूसरे फोन पर पहुंचने से पहले ही कनवर्ट हो जाते हैं।
वीओआईपी के जरिए आप कंप्यूटर, खास वीओआईपी फोन, समान्य स्मार्टफोन से कनेक्ट होकर कॉल कर सकते हैं। कॉल करने के लिए आपको अच्छी इंटरनेट स्पीड की जरूरत होती है।
लंबी दूरी पर बात करने के लिए इंटरनेट टेलीफोनी मोबाइल कॉल की तुलना में काफी सस्ती होती है। वीओआईपी के जरिए लंबी दूरी पर लंबी बात करने पर आप काफी बचत कर सकते हैं।राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर वीओआईपी को देश में लागू करने को लेकर काफी समय से खींचतान होती रही है। देश की खुफिया एजेंसी ने इस सेवा को देश की सुरक्षा के लिए खतरा भी बताया है।
सुरक्षा एजेंसी ने इस सर्विस का इस्तेमाल पाकिस्तान में कुछ आतंकी गतिविधियों में भी पाया था। इसके अलावा ट्राई के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को यूनिफाइड एक्सेस लाइसेंस के तहत 2006 में ही इंटरनेट टेलीफोनी की सुविधा दे दी गई थी। लेकिन कंपनियों ने इस सर्विस का इस्तेमाल नहीं किया। कंपनियों में ज्यादा पैसे कमाने के लिए पुरानी कॉल सेवा का ही इस्तेमाल किया।
इंटरनेट के जरिए कम दामों में बात कराने के लिए देश में कुछ कंपनियां जैसे रिलायंस जियो और तिकोना पहले से ही इसकी तैयार कर चुकी हैं। इसके पास ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम पहले से ही मौजूद है।
रिलायंस जियो और भारती एयरटेल सब्सिडियरी वायरलेस बिजनेस के जरिए मोबाइल नेटवर्क पर कॉल का परीक्षण शुरू कर चुकी हैं।
इसके अलावा अन्य कंपनियां भी यूनिफाइड लाइसेंस के साथ इंटरनेट कॉलिंग की सेवा अपने उपाभोक्तओं को मुहैया करा सकती है। सरकार ने यूनिफाइड लाइसेंस के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए।
इसके अलावा कई इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस प्रदाता भी स्मार्टफोन यूजर्स को इंटरनेट टेलीफोनी की सर्विस दे रहे हैं। जिसके जरिए स्मार्टफोन मोबाइल यूजर्स इंटरनेट डाटा के जरिए फ्री कॉल कर सकते हैं।
इन देश में वीओआईपी है प्रतिबंधित
चीन, तुर्की, मलेशिया, यूएई, ओमान, अमेरिका और यूरोप में ऐसे कई मुल्क हैं, जहां वीओआईपी सेवा को ब्लॉक कर रखा है। इन देशों में अलग-अलग कारणों से वीओआईपी, स्काईप जैसी सर्विस को रोक रखा है।