
पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख विक्रम सूद ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर तीखा प्रहार किया है। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि ये संबंध राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यक्तिगत नाराजगी से मजबूत हुए, क्योंकि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उनकी भूमिका को खारिज कर दिया था। सूद ने दावा किया कि अमेरिका का ‘डीप स्टेट’ भारत की आर्थिक तरक्की को रोकना चाहता है, क्योंकि चीन के बाद भारत को उभरती वैश्विक ताकत माना जा रहा है। दिलचस्प यह है कि उन्होंने ट्रंप को डीप स्टेट का हिस्सा नहीं बताया।
ऑपरेशन सिंदूर: ट्रंप की भूमिका पर विवाद
विक्रम सूद ने एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा, “अमेरिका-पाकिस्तान संबंध ट्रंप की निजी नाराजगी से मजबूत हुए। हमने ‘सीजफायर’ के लिए उन्हें क्रेडिट देने से इनकार कर दिया। पाकिस्तानी घुटनों पर गिर पड़े और बोले, ‘धन्यवाद मेरे स्वामी, आप नोबेल के हकदार हैं।'” ऑपरेशन सिंदूर (2025 में भारत-पाक सीमा पर सैन्य अभियान) के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि उनकी मध्यस्थता से युद्ध टला, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया। सूद ने कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान को डिनर पर आमंत्रित किया, जो इस नाराजगी का नतीजा था।
डीप स्टेट का भारत विरोध
सूद ने डीप स्टेट को परिभाषित करते हुए कहा, “इसका मतलब समय के साथ विकसित हुआ है—वे लोग जो पर्दे के पीछे तार खींचते हैं। इसमें कॉर्पोरेट्स, मिलिट्री इंटेलिजेंस और अन्य प्रभावशाली तबके शामिल हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि डीप स्टेट चीन के बाद भारत को खतरे के रूप में देखता है। “चीन से सबक सीखा गया है। वे एक बड़ी आर्थिक ताकत नहीं चाहते।” सूद ने कहा कि यह तत्व हथियार बेचने, इजरायल-पाकिस्तान-भारत नीतियों को प्रभावित करता है। लेकिन ट्रंप को इससे अलग बताते हुए कहा, “ट्रंप डीप स्टेट का हिस्सा नहीं है।”
भू-राजनीतिक संदर्भ
सूद के बयान ऑपरेशन सिंदूर के बाद ट्रंप द्वारा पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर को व्हाइट हाउस डिनर पर बुलाने के बाद आए हैं। सूद ने नेपाल के युवा विरोध, बलूचिस्तान मुद्दे और ‘जिहादी’ खतरों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत को दबाने के लिए पाक को समर्थन दे रहा है। यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों पर सवाल खड़े करता है, जहां ट्रंप की भारत नीति मिश्रित रही है।
विक्रम सूद, रॉ के पूर्व प्रमुख (2014-2018), अपनी किताब ‘द अनमेकिंग ऑफ पाकिस्तान’ के लिए जाने जाते हैं। उनके विचार दक्षिण एशिया की भू-राजनीति पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं।