अगर घर में कोई न कोई रहता है बीमार तो अपनाएं ये अचूक उपाय

हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है जिसके पास हर बीमारी का इलाज है। इस शास्त्र के हिसाब से कोई भी अपनी जिंदगी बदल सकता है। इन उपायों को करने के बाद सुखमय जीवन यापन किया जा सकता है।

वास्तु शास्त्र

आज हर कोई बाकी परेशानियों के बजाय अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहता है। वास्तु शास्त्र में अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के कई उपायों का जिक्र किया गया है। इन उपयों को अपना कर कोई भी स्वस्थ्य जीवन पा सकता है। अगर आप स्वस्थ्य हैं तो आपका घर और ऑफिस दोनों ही जगह के कामों में अच्छे से मन भी लगेगा।

अगर घर पर कोई ज्यादा बीमार रहता है तो वास्तु के इन उपायों को अपनाएं…

अगर आपके घर में कही भी पानी का भराव है तो उसे जल्द से जल्द ठीक करा लें क्योंकि घर में सीलन का होना बुरा संकेत का प्रतीक माना जाता है। इससे श्वास और त्वाचा संबंधी बीमारी हो सकती है।

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रात को सोने से पहले अपने पास रखे हुए मोबाइल, कंम्प्यूटर य टीवी को खुद से दूर कर दें। क्योंकि इनसे निकलने वाली रेस मस्तिष्क, रक्त और हृदय संबंधी रोगों का कारण बन सकती हैं।

वास्तु शास्त्र के हिसाब से अगर घर में कोई हाई ब्लडप्रेशर को मरीज है तो उसका बेड दक्षिण-पूर्व की ओर न हो। यह दिशा अग्नि से प्रभावित होती है और यहां रहने से आपका ब्लडप्रेशर बढ सकता है।

जब आप रात को सोए, तो इस बात का ध्यान रहें कि आपका सिर उत्तर और पैर दक्षिण दिशा में न हो। ऐसा होने से आपको सिरदर्द और अनिद्रा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

घर लेते य बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि घर में पूर्व दिशा की ओर कोई खिड़की हो । इससे सुबह की सूरज ती किरणें घर में प्रवेश करेंगी जो स्वास्थ्य के काफी फायदेमंद होती है। इससे घर की नकारात्मक ऊजा भी निकलती है।

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वास्तु के हिसाब से अगर आपके घर में कोई गर्भवती स्त्री है तो उसे उसका कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ऐसी स्त्रियों को पूर्वोत्तर दिशा या ईशान कोण स्थित बेडरूम में नहीं सोना चाहिए। नही तो उनको  गर्भाशय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

जो पुरानी और बेकार वस्तुओं हो उन्हें घर में इकठ्ठा करके नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊजा का संचार होता है। साथ इन सब चीजों के घर में होने से घर की सही से सफाई भी नहीं हो पाती है जिस वजह से घर में टायफॉयड और मलेरिया जैसी बीमारियों के वायरस पनपते है। जो सेहत के लिए काफी नुकसान दायक है।

यदि आपके घर में कोई नवजात शिशु है तो उसके लिए घर के पूर्व और पूर्वोत्तर के कमरे सर्वश्रेष्ठ होते हैं। सोते समय बच्चे का सिर पूर्व दिशा की ओर होना अच्छा माना जाता है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार आप जब भी भोजन करने बैठें तो इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो। इससे आपकी हेल्थ अच्छी रहेगी। अगर आपने दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन करेगें तो आपको पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

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