जीवन को खुशहाल बनाने के लिए अपनाएं ये वास्तु नियम

जीवन को खुशहालखूबसूरत घर का सपना भला किसकी आंखों में नहीं पलता। यह सपना साकार करने के लिए हम तमाम जतन करते हैं। आर्किटेक्चर से परामर्श लेते हैं, इंटीरियर डिजाइनर बुलाते हैं और कुछ अरसे पहले से प्रचलन में आए वास्तु विशेषज्ञों से भी मशविरा करते हैं। यह सब इसलिए ताकि हमारे घर में समृद्धि व खुशहाली आ सके। आपको बता रहे हैं कुछ खास महत्वपूर्ण बातें। जिनको अपना कर आप अपना भविष्य बदल सकते हैं…

खुशहाली लाने के लिए इन वास्तु नियमो का पालन जरूर करे..

  • भूखंड में ईशान ,पूर्व और उत्तर सदैव नीचे ,हलके ,खली और स्वच्छ होने चाहिए।
  • भूखंड में दक्षिण पश्चिम सदैव ऊँचे और भारी होने चाहिए।
  • भूखंड में पानी का बहाव सदैव ईशान कोण,पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। दूषित जल ईशान कोण में नहीं निकलना चाहिए।
  • भूखंड का निर्माण आरंभ यानि नीव पूजन ईशान कोण से करना चाहिए।
  • बोरिंग करने के लिए ईशान या उत्तर दिशा सबसे अच्छा है।
  • शयन कक्ष के लिए दक्षिण या पश्चिम दिशा अच्छा है।
  • स्वागत कक्ष के लिए वायव्य सबसे अच्छा होता है।
  • अध्ययन कक्ष के लिए ईशान कोण सबसे अच्छा होता है।
  • पूजा स्थल के लिए सबसे अच्छा स्थान ईशान कोण होता है।
  • रसोई के लिए आग्नेय कोण सबसे अच्छा होता है।
  • शौचालय के लिए सबसे अच्छा नैऋत्य कोण सबसे अच्छा होता है।
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