
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, प्राथमिक स्कूलों के विलय, खाद की कमी, कालाबाजारी, मुनाफाखोरी, वोट चोरी और बाढ़ जैसी समस्याओं को लेकर विधान भवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया। सभी विधायक लाल टोपी पहने हुए थे और हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए।

विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट के कारण प्रश्नकाल तथा शोक संदेश पढ़ने के बाद पहले दिन की कार्यवाही समाप्त हुई। आज दूसरे दिन की बैठक में भी विपक्ष की आक्रामकता से सत्र में हंगामे की आशंका बनी हुई है।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने फतेहपुर जिले में मकबरे पर हिंदू संगठनों के हंगामे की घटना पर चर्चा की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आश्वासन दिया।
विपक्ष के एक अन्य नेता ने मनरेगा मजदूरी बढ़ाने का मुद्दा उठाया। इस पर सत्ता पक्ष ने स्पष्ट किया कि मनरेगा मजदूरी बढ़ाने का अधिकार उत्तर प्रदेश सरकार के पास नहीं है। हमने केंद्र सरकार को अनुरोध भेजा है और उनके जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।