CM योगी को काशीराम की रणनीति से घेरने का प्लान बना रहे हैं आजाद समाज पार्टी प्रमुख

अभिनव त्रिपाठी

यूपी विधानसभा में होने वाले चुनाव की सरगर्मियाँ तेज हो गई है। ऐसे में ये लड़ाई काफी दिलचस्प हो सकती है क्योंकि इस बार चुनाव में योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव मैदान में होंगें। जहां पर आदित्यनाथ गोरखपुर शहर से चुनाव लड़ेंगे वहीं पर अखिलेश यादव करहल सीट से प्रत्याशी होंगे। इसके अलावा आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद भी गोरखपुर से चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर बसपा संस्थापक काशीराम की रणनीति को अपनाते हुए जगह-जगह नुक्कड़ कार्यक्रम करने की कार्ययोजना तैयार कर चुके है। योगी आदित्यनाथ और चंद्रशेखर के अलावा अभी तक किसी भी दल के प्रमुखों ने गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है।

आजाद पार्टी के गोरखपुर चुनाव प्रभारी डॉ मोहम्मद आकिब ने मीडिया को बताया कि हमारे युवाओं की चार-पाँच टोली बनी है जो जगह-जगह कार्यक्रम करके अपनी बात पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पए लगातार हमारे चुनाव प्रचार की रफ्तार बढ़ती जा रही है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जैसे काशीराम साहब एक-एक व्यक्ति को जोड़कर अपनी सेना बनाते थे वैसे हमने भी गोरखपुर शहर के हर वार्ड में अपनी फौज खड़ी कर ली है। उनके इस रणनीतिक दावे पर बसपा मण्डल के मुख्य सेक्टर प्रभारी सुरेश कुमार ने कहा कि जनता जानती है की चंद्रशेखर का चरित्र कैसा है इसके अलावा उन्होंने कहा कि काशीराम का नाम लेकर उनका कोई मिशन नहीं पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा की ये मिशन की बात करके मिशन को बेचने का काम करते है।साथ ही साथ कहा कि सिर्फ बसपा ही एक ऐसी पार्टी है जो काशीराम के मिशन को पूरा कर सकती है।
आपको बता दें की साल 2014 में चंद्रशेखर आजाद ने भीम आर्मी की स्थापना करके दलितों के हितों के लिए संघर्ष शुरू किया और धीरे-धीरे इस संगठन को आजाद ने आजाद समाज पार्टी के रूप में राजनीतिक दल में बदल दिया।
साल 2020 में यूपी विधानसभा के उप चुनाव में बुलंदशहर सदर सीट पर उसने अपना पहला मोहम्मद यामीन के रुप में प्रत्याशी घोषित किया पर वे चुनाव में पराजित हुए। लेकिन उन्होंने 13 हजार से ज्यादा मत पाकर उन्होंने अपनी पार्टी की मजबूती को दिखाया। आपको बता दें की कुछ दिन पहले तक आजाद पार्टी प्रमुख सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन आपसी सामंजस्य नहीं बन पाया इसकी वजह से अब अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा करके खुद को गोरखपुर शहर का प्रत्याशी बनाया है।

इसके बाद डॉ.आकिब ने कहा, ‘यह चुनाव धनतंत्र बनाम जनतंत्र होगा क्योंकि हमारी लड़ाई सामंती सोच के खिलाफ है। उनके इस बयान पर जवाब देते हुए भाजपा राष्‍ट्रीय परिषद के सदस्य तथा उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक के सभापति ने कहा की चंद्रशेखर कर यहाँ से चुनाव लड़ने का कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वो कौन है यहाँ की जनता उनको जानती तक नहीं है।

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