UP में हुई बुआ-भतीजे की डील, बिहार में सीट बंटवारे पर फंसा पेंच

2019 लोकसभा चुनावों से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश में जहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है वहीं पड़ोसी राज्य बिहार के महागठबंधन में अब भी सीटों को लेकर रार जारी है।

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बिहार में आठ दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन का दौर जारी है। राजद के नेता तेजस्वी यादव चाहते हैं कि जनवरी के अंत तक बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों का बंटवारा हो जाए।

गौरतलब है कि दूसरी तरफ एनडीए में पहली ही सीटों का बंटवारा हो चुका है। इसके तहत नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भाजपा 17-17 सीटों पर जबकि रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और सन ऑफ मल्लाह कहलाने वाले मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की एंट्री ने सीटों के पेंच को फंसा दिया है। साथ ही सीपीआई ने भी महागठबंधन का हिस्सा बनने की घोषणा करके कुछ सीटों की मांग की है। लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) क अध्यक्ष शरद यादव भी जदयू से निलंबित किए जाने के बाद उनके साथ कड़े रहने वाले नेताओं के लिए सीट चाहते हैं।

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कांग्रेस पार्टी ने 12 सीट तो वहीं सीपीआई और साहनी की पार्टी ने तीन-तीन सीटों की मांग की है। सीपीआई माले, रालोसपा और जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) की मांग चार सीटों की है। सभी दल आरजेडी के लिए सिर्फ 14 सीटें छोड़ रहे हैं।

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