यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस 2.0 हुआ लॉन्च, आइये जानें सभी नए फीचर्स के बारे में

नई दिल्ली| जैसा कि पिछले समय से चर्चा थी आखिरकार नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI का नया वर्जन यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) 2.0 भारत में लॉन्च कर दिया है। UPI का ये नया वर्जन कई खास फीचर्स जैसे UPI मेंडेट, ओवर-ड्राफ्ट, QR फीचर व इनबॉक्स आदि के साथ है जिनके बारे में आगे हम आपको विस्तार से बताएंगे।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) 2.0 हुआ लॉन्च, जानें सभी नए फीचर्स के बारे में

नए UPI 2.0 का सपोर्ट जिन बैंक्स को प्राप्त है उनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, IDBI बैंक, RBL बैंक, येस बैंक, कोटेक महिन्द्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, फैडरल बैंक और HSBC शामिल हैं। बात करें इसके नए फीचर्स की तो इसमें ओवरड्राफ्ट अकाउंट सपोर्ट की सुविधा दी गई है, जिसके तहत यूजर्स अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट को UPI से लिंक कर सकते हैं जिससे कि इन यूजर्स को एक अतिरिक्त डिजिटल चैनल का भी सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा UPI 2.0 में सेविंग व करेंट अकाउंट्स का सपोर्ट भी साथ ही दिया गया है।

 

इसके अलावा इसमें एक खास फीचर भी इसबार शामिल किया है जो UPI मेंडेट के नाम से है। इसकी मदद से दरअसल यूजर्स किसी ट्रांजैक्शन को बाद में नियत तारीख के पेमेंट के ऑप्शन को चुन सकते हैं। जिसका मतलब है कि आप ट्रांजैक्शन पूरी कर पाएंगे और उसके लिए पेमेंट बाद में कर सकते हैं।

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इसके साथ ही इसमें वन-टाइम ब्लॉक फंक्शैनलिटी की सुविधा भी दी गई है। जैसे कि यदि आप कोई कैब बुक करते हैं तो उस समय उसकी पेमेंट को ब्लॉक कर सकते हैं। इसके तहत जब यूजर की यात्रा खत्म हो जाएगी तो कस्टमर के अकाउंट से ऑटोमैटिक रुप से पेमेंट कट जाएगी।

इसके बाद बात करें इनबॉक्स ऑप्शन की तो ये खास रुप से कस्टमर्स के लिए पेमेंट के लिए मर्चेंट द्वारा भेजे गए इनवॉयस को देखने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से यूजर्स क्रेडिशंयल्स यानी जरूरी जानकारियों को चैक कर सकते हैं कि पेंमेट डिटेल्स पूरी तरह से ठीक हों और वो पूरी तरह से मान्य हैं या नहीं।

आखिर में बात करें साइंड इंटेंट और QR फीचर की तो इससे कस्टमर्स किसी भी मर्चेंट की ऑथेंटिसिटी यानी उसकी सत्यता की जांच QR कोड स्कैनिंग के माध्यम से कर सकते हैं। दरअसल इससे यूजर को पता चलेगा कि वह मर्चेंट UPI द्वारा वेरिफाइड किया गया है या नहीं। NPCI के मुताबिक कोई भी अमाउंट ट्रांसफर केवल मर्चेंट्स की सत्यता को जांचने व कंफर्म करने के बाद ही किया जाएगा।

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