बेटे को मुखाग्नि देकर घर लौटी मां को मिली बेटे की लाश

मुखाग्निनई दिल्ली। दिल्ली नगर से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आपका भी दिल रो पड़ेगा। दरअसल मधु विहार की एक सोसाइटी में रहने वाली एक मां ने सिर्फ तीन दिनों के भीतर ही अपने दोनों बेटों को मुखाग्नि दी।

महिला के दोनों बच्चों को ‘मस्कुलर डिस्ट्रॉफी’ नाम की बीमारी थी जिसका कोई भी इलाज नहीं है। इस बीमारी में मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। दोनों बच्चों की उम्र लगभग 15-16 के आस-पास की थी।

यह भी पढ़ें-प्रद्युम्न केस : बोर्ड का बड़ा फैसला, बालिग की तरह चलेगा आरोपी छात्र पर केस

महिला के दोनों बच्चों में से पहले बड़े बेटे की मौत हुई जिसकी उम्र 16 साल थी। लेकिन जब तक मां अपने बड़े बेटे को मुखग्नि देती तब तक छोटे बेटे की तबियत खराब होने लगी। बड़े भाई की मौत के सदमें में अगले दिन छोटे बेटे ने भी दम तोड़ दिया। जिस दिन मां को बड़े बेटे की अस्थियां चुगने जाना था, उसी रोज छोटे बेटे का दाह-संस्कार किया।

बता दें कि महिला के पति ने उसे तीन साल पहले ही छोड़ दिया था। साथ ही दोनों दिव्यांग बच्चों से भी मुंह फेर लिया था। पति के छोड़ने के बावजूद महिला ने हार नहीं मानी और अकेले अपने दम पर अपने दोनों बच्चों को पाला-पोषा।

महिला का नाम दीपलता है, वह दिल्ली नगर निगम के एक स्कूल में टीचर हैं। मधु विहार की एक सोसायटी में रहती हैं। बेटों का नाम अनुराग (16) और आदित्य (15) था। दोनों व्हील चेयर पर रहते थे, गर्दन तक हिला नहीं सकते थे। आदित्य मांसपेशियों के रोग के अलावा डायबिटिक भी था।

दीपलता का कहना है कि उनके पति इहबास अस्पताल में स्टेनोग्राफर हैं। उन्हें और बच्चों को तीन साल पहले छोड़ चुके हैं। शादी के बाद से ससुराल में उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया, लेकिन वह बच्चों की खातिर सब सहती रहीं। काफी समय बाद दीपलता ने घरेलू हिंसा का केस किया।

LIVE TV