सऊदी अरब में एक उच्च-स्तरीय सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की। उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस दोनों पड़ोसियों को तनाव कम करने के लिए “एक साथ डिनर करने” की सलाह दी।

शनिवार को सऊदी अरब में यूएस-सऊदी निवेश फोरम को संबोधित करते हुए ट्रंप ने खुद को शांतिदूत बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच “संभावित परमाणु युद्ध” को टालने के लिए शांति समझौता कराया, जिससे लाखों लोगों की जान बच सकती थी। इस फोरम में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो मौजूद थे।
ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि दोनों देश अब अच्छे रिश्ते में हैं। शायद हम उन्हें और करीब ला सकते हैं, मार्को। क्या यह अच्छा नहीं होगा कि वे एक साथ डिनर करें?” उन्होंने उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री रुबियो के नेतृत्व में हुई शांति वार्ता की सराहना की।
ट्रंप का मध्यस्थता का दावा
ट्रंप ने दावा किया, “कुछ दिन पहले मेरी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक युद्धविराम कराया। मैंने व्यापार का इस्तेमाल किया। मैंने कहा, दोस्तों, आइए एक समझौता करें। परमाणु मिसाइलों की नहीं, बल्कि आपके द्वारा बनाई गई खूबसूरत चीजों का व्यापार करें। दोनों देशों के पास बहुत शक्तिशाली, मजबूत, अच्छे और चतुर नेता हैं। और, सब कुछ रुक गया। उम्मीद है, यह स्थिति बनी रहेगी।”
हालांकि, भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम सैन्य स्तर पर सीधी बातचीत के जरिए हुआ। इसके बावजूद ट्रंप ने मध्यस्थता का दावा दोहराया।
युद्धविराम की पृष्ठभूमि
10 मई 2025 को ट्रंप ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति जताई है, जिसने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सैन्य गतिविधियों को समाप्त किया। दोनों देशों ने इसकी पुष्टि की, लेकिन नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि यह समझौता सैन्य स्तर पर सीधी बातचीत से हुआ।
ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश भी की थी, जिसे भारत ने ठुकरा दिया और दोहराया कि यह मामला द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा।