सिंधु जल संधि पर पीएम मोदी का कड़ा रुख: ‘खून और पानी साथ नहीं बहेंगे’, ऑपरेशन सिंदूर और आत्मनिर्भरता पर जोर

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने 12वें संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। केसरिया पगड़ी, सफेद कुर्ता-पायजामा, केसरिया बंदगला जैकेट और तिरंगा स्टोल में सजे पीएम ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को अन्यायपूर्ण और एकतरफा बताते हुए कहा कि भारत अब इसे स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और आत्मनिर्भर भारत की ताकत का जिक्र करते हुए आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकल्प दोहराया।

सिंधु जल संधि पर सख्त रुख

पीएम मोदी ने कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। सिंधु जल संधि ने पिछले सात दशकों से भारत के किसानों को अकल्पनीय नुकसान पहुंचाया। भारत की नदियों का पानी दुश्मनों के खेतों को सींच रहा है, जबकि हमारी धरती प्यासी है। यह समझौता हमें मंजूर नहीं। भारत के हक का पानी सिर्फ और सिर्फ भारतीय किसानों का है।” उन्होंने संधि को राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया और इसे संशोधित करने या समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने का संकेत दिया। यह बयान 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई संधि पर भारत के बढ़ते असंतोष को दर्शाता है, जो सिंधु नदी बेसिन की छह नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलज) के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है।

ऑपरेशन सिंदूर और आत्मनिर्भरता

पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की ताकत का प्रतीक है। “अगर हम आत्मनिर्भर न होते, तो क्या हम दुश्मन को पलभर में खत्म कर पाते? मेक इन इंडिया के दम पर हमारी सेना ने पराक्रम दिखाया। बिना विदेशी सप्लाई की चिंता किए हमने दुश्मन को जवाब दिया।” उन्होंने 21वीं सदी को तकनीक आधारित बताते हुए कहा कि तकनीकी श्रेष्ठता हासिल करने वाले देश ही आर्थिक और सामरिक शक्ति के शिखर पर पहुंचते हैं। मेक इन इंडिया के तहत पिछले 10 वर्षों में स्वदेशी रक्षा उपकरणों और तकनीक ने भारत को मजबूत किया है।

आत्मनिर्भरता का महत्व

मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों को याद करते हुए कहा कि गुलामी ने भारत को निर्धन और निर्भर बनाया था। आजादी के बाद किसानों ने मेहनत से देश के अन्न भंडार भरे और आत्मनिर्भरता की नींव रखी। “आत्मनिर्भरता सिर्फ आयात-निर्यात या आर्थिक नीति तक सीमित नहीं, यह हमारे सामर्थ्य से जुड़ी है। निर्भरता की आदत देश को कमजोर करती है। हमें हर पल जागरूक रहकर आत्मनिर्भरता को बनाए रखना होगा।” उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता न केवल आर्थिक, बल्कि सामरिक और सामाजिक शक्ति का आधार है।

पाकिस्तान को चेतावनी

पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए पीएम ने कहा कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों में कोई अंतर नहीं करेगा। “पाकिस्तान की ओर से किसी भी दुस्साहस का जवाब हमारी सशस्त्र सेनाएं तय करेंगी।” यह बयान हाल के सीमावर्ती तनाव और आतंकवादी घटनाओं के संदर्भ में आया है, जिसमें भारत ने सख्त रुख अपनाया है।

अन्य प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रीय सुरक्षा: पीएम ने मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा की, जो 2035 तक सामरिक और सिविलियन क्षेत्रों को तकनीकी रूप से सुरक्षित करेगा।
  • डेमोग्राफी मिशन: घुसपैठ को रोकने और जनसांख्यिकी बदलाव के खिलाफ हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन की शुरुआत।
  • सांस्कृतिक और सामाजिक योजनाएं: मराठी, असमिया, बांग्ला, पाली, और प्राकृत को शास्त्रीय भाषा का दर्जा, और ज्ञान भारतम योजना के तहत प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटल संरक्षण।
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