गर्भवती महिलाओं पर महरबान हुई ओडिशा सरकार, अब मुफ्त में होगा ये काम
भुवनेश्वर। ओडिशा के दुर्गम क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव की सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार ने शनिवार को उन्हें 1,000 रुपये परिवहन लागत देने की घोषणा की है। नई योजना के अनुसार, जो गर्भवती महिलाएं खुद वाहन का प्रबंध कर अस्पताल जाएंगी, उन्हें 1,000 रुपये दिया जाएगा।
इस योजना में हर वर्ष छह करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया जाएगा और इसकी पूरी लागत ‘संपूर्ण’ योजना के तहत वहन की जाएगी।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा, “सरकार उन दुर्गम गांवों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जहां 102/108 एम्बुलेंस या चारपहिया वाहन नहीं पहुंच सकते हैं।”
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जिलों से प्राप्त प्रारंभिक मूल्यांकन रपट के अनुसार, इस योजना के तहत 30 जिलों के 7,853 गांवों को शामिल किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना से सालाना 60,000 गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार आशा कल्याण योजना शुरू कर रही है, जिसके तहत राज्य में 47,000 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को लाभ होगा।
यह योजना प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को 1000 रुपये मासिक प्रोत्साहन सुनिश्चित करने के लिए निश्चित रोजगार प्रदान करेगी। इस योजना में आशा कार्यकर्ता के 60 वर्ष का होने पर उन्हें एक बार 10,000 रुपये का मानदेय देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत कार्यकर्ता की मौत पर एक लाख रुपये के मुआवजे का भी प्रावधान है। इस योजना में स्थायी विकलांगता के लिए दिए जाने वाले मुआवजे को भी एक लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है।
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सरकार सालाना 56 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री ने एनएचएम कर्मचारी कल्याण कोष भी लांच किया, जिसके तहत मृत्यु या 80 प्रतिशत से ऊपर स्थायी विकलांग होने पर छह लाख रुपये और आंशिक विकलांग होने पर 2.5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
पटनायक ने कहा, “इसके तहत नाजुक स्वास्थ्य स्थिति में साल में तीन लाख रुपये तक का चिकित्सा खर्च भी अदा किया जाएगा।”