
बदायूं जिले में लगातार बारिश और नदियों के उफान के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। गंगा नदी कछला में खतरे के निशान (162.44 मीटर) से 2 सेंटीमीटर ऊपर 162.46 मीटर पर बह रही है। बिजनौर और नरौरा डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में और वृद्धि की आशंका है।

प्रशासन ने उसहैत और सहसवान क्षेत्र के चार गाँवों—जटा, प्रेमी नगला, ठकुरी नगला, और तेलिया नगला—को खाली कराने की तैयारी शुरू कर दी है। रामगंगा नदी का जलस्तर भी दातागंज में बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा और गहरा गया है।
गंगा का जलस्तर और डैम से पानी की रिहाई
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता उमेश चंद्रा ने बताया कि मंगलवार को बिजनौर डैम से 1,74,339 क्यूसेक और नरौरा डैम से 1,44,810 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी बुधवार देर रात या गुरुवार तक बदायूं पहुँचेगा, जिससे गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। कछला में गंगा सोमवार से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, और मंगलवार को जलस्तर 162.46 मीटर दर्ज किया गया। गंगा के किनारे बसे खेतों में पानी भर गया है, और अब गाँवों में पानी घुसने का खतरा मंडरा रहा है।
चार गाँवों को खाली करने की तैयारी
उसहैत क्षेत्र के तीन गाँव—जटा, प्रेमी नगला, और ठकुरी नगला—में करीब 1,500 लोग प्रभावित हो सकते हैं। बाढ़ खंड के अवर अभियंता राधेश्याम ने बताया कि इन गाँवों के लोगों को शिंभू नगला के प्राथमिक स्कूल और अन्य सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है। सहसवान के तेलिया नगला गाँव में गंगा का पानी खेतों और रास्तों तक पहुँच चुका है। जलस्तर और बढ़ने पर घरों में पानी घुसने की आशंका है, इसलिए गाँव के लोगों को बांध पर बनाए जा रहे शरणार्थी शिविर में स्थानांतरित करने की योजना है।
रामगंगा में भी जलस्तर बढ़ा
दातागंज इलाके में रामगंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। हजरतपुर पुल से करीब एक किलोमीटर दूर लालपुर रोड पर पानी पहुँच गया है। अभी आवागमन प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन जलस्तर और बढ़ने पर सड़क पर पानी आ सकता है। हर्रामपुर के पास रामगंगा का पानी तेजी से बह रहा है। 2018 में भी रामगंगा के बढ़ते जलस्तर ने मुरादाबाद में दर्जनभर गाँवों को जलमग्न कर दिया था, और इस बार भी वैसी ही स्थिति बनने की आशंका है।
प्रशासन की तैयारियाँ और कंट्रोल रूम की निष्क्रियता
जिलाधिकारी अवनीश राय ने सोमवार को उसहैत का दौरा कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और कलक्ट्रेट में तीन फोन नंबरों के साथ कंट्रोल रूम स्थापित करने के आदेश दिए। हालांकि, मंगलवार शाम 5 बजे तक यह कंट्रोल रूम सक्रिय नहीं हो सका। कंट्रोल रूम के नंबरों पर फोन उठाने वालों ने बताया कि बाढ़ खंड से पत्र मिलने पर ही इसे सक्रिय किया जाएगा। बाढ़ खंड का कंट्रोल रूम भी व्यस्त रहने के कारण संपर्क में नहीं आ सका, जिससे प्रशासनिक समन्वय पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
- उसहैत: गंगा का पानी खेतों और गाँवों के रास्तों तक पहुँच गया है। जटा, प्रेमी नगला, और ठकुरी नगला में खाली करने की तैयारी चल रही है।
- सहसवान: तेलिया नगला में खेत जलमग्न हो चुके हैं, और गाँव के रास्तों में पानी भर गया है। बांध पर शरणार्थी शिविर बनाया जा रहा है।
- दातागंज: रामगंगा का बढ़ता जलस्तर लालपुर रोड तक पहुँचा है, और हर्रामपुर में नदी का प्रवाह तेज है।
- कृषि और पशुपालन पर असर: खेतों में पानी भरने से फसलें नष्ट हो रही हैं, और पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है।
प्रशासन और राहत कार्य
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। बांधों पर शरणार्थी शिविर बनाए जा रहे हैं, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। बाढ़ खंड ने बिजनौर और नरौरा डैम से पानी की रिहाई की निगरानी के लिए टीमें तैनात की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों को तेज करने और प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।