Tokyo Olympics 2020 : 41 सालों बाद भारत को फिर मिला स्वर्ण पदक जीतने फैसला

भारतीय हॉकी टीम ने 11 ओलंपिक पद जीते हैं। भारत ने नाम 8 गोल्ड, दो सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल है। हालांकि टीम ने अपना आखिरी पदक 1980 में जीता था। मनप्रीत सिंह साल 2017 में टीम इंडिया के कप्तान बने थे, टोक्यो ओलंपिक उनके करियर का तीसरा ओलंपिक होगा। बतौर कप्तान ये उनका पहला ओलंपिक है। वहीं अगर बात जीत की करें तो भारतीय टीम फील्ड हॉकी की सबसे सफल टीम है।

हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का पिछले कुछ वर्षों में सफर काफी अच्छा रहा है। मनप्रीत की कप्तानी में ही भारत ने 2017 एशिया कप, 2018 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 एफआईएच सीरीज फाइनल और 2018 विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाई थी।

इसी के साथ ही आपको यह भी बता दें कि मनप्रीत 2014 में एशिया खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे। हालांकि, वह एफआईएच हॉकी विश्व कप और ओलंपिक में टीम को अबतक जीत नहीं दिलवा सके हैं।

उनके जीवन से जुड़ी बात करें तो मनप्रीत का परिवार उनके हॉकी खेलने के सख्त खिलाफ था। इसका एक किस्सा भी जुड़ा है। एक दिन मनप्रीत को उनकी मां ने कमरे में बंद कर दिया, जिससे वह हॉकी नहीं खेल सकें। लेकिन मनप्रीत ने हार नहीं मानी और हॉकी में अपना करियर बनाया। हालांकि बाद में मनप्रीत का परिवार ही सबसे बड़ा समर्थक और प्रशंसक बना।

एक वक्त ऐसा भी आया जब 2016 में मनप्रीत के पिता का निधन हो गया। वह मलेशिया में चल रहे अजलान शाह कप से सीधे आए थे, लेकिन उनकी मां ने उन्हें जल्द से जल्द टीम से जुड़ने के लिए कहा था।

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