आज का इतिहास: विदेश में पहली बार भारत का झंडा फहराने वाली महिला मैडम ‘भीकाजी कामा’

भारत की आज़ादी से चार दशक पहले, साल 1907 में विदेश में पहली बार भारत का झंडा एक औरत ने फहराया था। 46 साल की पारसी महिला भीकाजी कामा ने जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई दूसरी ‘इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस’ में ये झंडा फहराया था। ये भारत के आज के झंडे से अलग, आज़ादी की लड़ाई के दौरान बनाए गए कई अनौपचारिक झंडों में से एक था।

आज का इतिहास: विदेश में पहली बार भारत का झंडा फहराने वाली महिला मैडम 'भीकाजी कामा'

मैडम कामा पर किताब लिखनेवाले रोहतक एम.डी. विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर बी.डी.यादव बताते हैं, “उस कांग्रेस में हिस्सा लेनेवाले सभी लोगों के देशों के झंडे फहराए गए थे और भारत के लिए ब्रिटेन का झंडा था, उसको नकारते हुए भीकाजी कामा ने भारत का एक झंडा बनाया और वहां फहराया।”

किताब, ‘मैडम भीकाजी कामा’ में  बताते हैं कि झंडा फहराते हुए भीकाजी ने ज़बरदस्त भाषण दिया और कहा, “ऐ संसार के कॉमरेड्स, देखो ये भारत का झंडा है, यही भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, इसे सलाम करो।”

मैडम कामा को भीकाजी और भिकाई जी, दोनों नाम से जाना जाता था। ये वो व़क्त था जब दो साल पहले, साल 1905 में भारत में बंगाल प्रांत का बंटवारा हुआ था, जिसकी वजह से देश में राष्ट्रवाद की लहर दौड़ गई थी। महात्मा गांधी अभी दक्षिण अफ़्रीका में ही थे, पर बंटवारे से उमड़े गुस्से में बंगाली हिंदुओं ने ‘स्वदेशी’ को तरजीह देने के लिए विदेशी कपड़ों का बहिष्कार शुरू कर दिया था।

बंगाली लेखक बंकिम चंद्र चैटर्जी की किताब ‘आनंदमठ’ से निकला गीत ‘बंदे मातरम’ राष्ट्रवादी आंदोलनकारियों में लोकप्रिय हो गया। भीकाजी कामा द्वारा फहराए झंडे पर भी ‘बंदे मातरं’ लिखा था। इसमें हरी, पीली और लाल पट्टियां थीं। झंडे में हरी पट्टी पर बने आठ कमल के फूल भारत के आठ प्रांतों को दर्शाते थे। लाल पट्टी पर सूरज और चांद बना था। सूरज हिन्दू धर्म और चांद इस्लाम का प्रतीक था। ये झंडा अब पुणे की केसरी मराठा लाइब्रेरी में प्रदर्शित है। इसके बाद मैडम कामा ने जेनिवा से ‘बंदे मातरम’ नाम का ‘क्रांतिकारी’ जर्नल छापना शुरू किया। इसके मास्टहेड पर नाम के साथ उसी झंडे की छवि छापी जाती रही जिसे मैडम कामा ने फहराया था।

भीकाजी पटेल 1861 में बॉम्बे (जो अब मुंबई है) में एक समृद्ध पारसी परिवार में पैदा हुईं। 1885 में उनकी शादी जानेमाने व्यापारी रुस्तमजी कामा से हुई। ब्रितानी हुकूमत को लेकर दोनों के विचार बहुत अलग थे। रुस्तमजी कामा ब्रिटिश सरकार के हिमायती थे और भीकाजी एक मुखर राष्ट्रवादी।

बताते हैं, “भीकाजी उनसे बहुत प्रभावित हुईं और तबीयत ठीक होने के बाद भारत जाने का ख़्याल छोड़ वहीं पर अन्य क्रांतिकारियों के साथ भारत की आज़ादी के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन बनाने के काम में जुट गईं।” ब्रिटिश सरकार की उन पर पैनी नज़र रहती थी। लॉर्ड कर्ज़न की हत्या के बाद मैडम कामा साल 1909 में पेरिस चली गईं जहां से उन्होंने ‘होम रूल लीग’ की शुरूआत की। उनका लोकप्रिय नारा था, “भारत आज़ाद होना चाहिए; भारत एक गणतंत्र होना चाहिए; भारत में एकता होनी चाहिए।”

तीस साल से ज़्यादा तक भीकाजी कामा ने यूरोप और अमरीका में भाषणों और क्रांतिकारी लेखों के ज़रिए अपने देश के आज़ादी के हक़ की मांग बुलंद की। इस दौर में उन्होंने वीडी सावरकर, एमपीटी आचार्य और हरदयाल समेत कई क्रांतिकारियों के साथ काम किया। कई पारसी शख़्सियतों पर शोध करनेवाले लेखक केई एडुल्जी के भीकाजी कामा पर लिखे गए विस्तृत लेख  के मुताबिक़ पहले विश्व युद्ध के दौरान वो दो बार हिरासत में ली गईं और उनके लिए भारत लौटना बेहद मुश्किल हो गया था। राष्ट्रवादी काम छोड़ने की शर्त पर आखिरकार 1935 में उन्हें वतन लौटने की इजाज़त मिली। मैडम कामा इस व़क्त तक बहुत बीमार हो चुकी थीं और बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते 1936 में उनकी मौत हो गई।

आज का इतिहास

24 जुलाई का महत्वपूर्ण घटनाएँ 
1493 – क्रिस्टोफर कोलम्बस ने विश्व की दूसरी यात्रा आज ही प्रारम्भ की थी ।
1688 – फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1726 – ईस्ट इंडिया कंपनी को बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में नगर निगम और महापौर अदालतों को बनाने के लिए अधिकृत किया गया।
1789 – अमेरिका में अटॉर्नी जनरल का कार्यालय बनाया गया।
1805 – फ़्रांस के तानशाह नेपोलियन बोनापार्ट की सैनिक कार्रवाई समाप्त हुई। यह कार्रवाई ऑस्ट्रिया के आक्रमण का सामना करने के लिए की गयी थी।                  फ्रांस के 2 लाख सैनिकों ने ऑस्ट्रिया की सेना को भारी पराजय का सामना करवाया।
1853 – लन्दन में पहले प्रान्तीय दैनिक समाचार पत्र नार्दन डेली टाइम्स का प्रकाशन शुरु हुआ ।
1895 – एनी लॉन डॉन डेरी साइकिल से विश्व का भ्रमण करने वाली प्रथम महिला बनी ।
1923- मौसम का दूसरा तूफान। हिस्पनियोला के उत्तर में एक बड़ा तूफान आया।
1932 – डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पुणे की यरवडा सेंट्रल जेल में ‘दलितों’ के लिए विधानसभाओं में सीटें सुरक्षित करने को लेकर एक               विशेष समझौता हुआ।
1932 – बंगाल की क्रांतिकारी राष्ट्रवादी प्रीतिलता वाडेदार देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाली पहली महिला बनी।
1948 – होंडा मोटर कंपनी की स्थापना।
1965 – यमन को लेकर सऊदी अरब और मिस्र के बीच समझौता।
1968 – दक्षिण अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुअा।
1971 – ब्रिटेन ने जासूसी के आरोप में 90 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया।
1978 – पूर्व सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
1990 – पूर्वी जर्मनी ने खुद को वारसा संधि से अलग किया।
1996 – अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किये।
1996 – व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर होने शुरू, सं.रा. अमेरिका संधि पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश।
2003 – फ़्रांस के राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया।
2005 – आई.ए.ई.ए. ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे को सुरक्षा परिषद को सौंपने का निर्णय लिया।
2007 – म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार के ख़िलाफ़ राजधानी यांगून में एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतरे।
2008 – चीन और नेपाल ने दूरसंचार के क्षेत्र में एक अहम अनुबन्‍ध पर हस्‍ताक्षर किया।
2009 – देश के पहले चन्द्रयान-1 ने चाँद की सतह पर पानी खोज निकाला।
2010- उर्दू के शायर अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान ‘शहरयार’ को 44वें (2008) तथा मलयालम के कवि और साहित्यकार ओ.एन.वी. कुरुप को 43वें (2007) ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
2011 – आंध्र प्रदेश में अलग तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर १२ दिनों से जारी हड़ताल में पिछले ३६ घंटों से जारी रेल रोको अभियान के कारण दक्षिण                      भारत का उत्तर भारत से सड़क के बाद रेल संपर्क भी अवरुद्ध हो गया है।
2013 – पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 515 लोगों की मौत।
2014 -भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह मंगलयान ने मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया।
आज जन्में व्यक्ति 
1856 – प्रताप नारायण मिश्र – हिन्दी खड़ी बोली और ‘भारतेन्दु युग’ के उन्नायक।
1861 – भीकाजी कामा – प्रसिद्ध भारतीय महिला क्रांतिकारी।
1861 – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवादी आन्दोलन की प्रमुख नेता मैडम भीकाजी कामा का जन्म।
1922- फ्लोयड लेविन, अमेरिकी संगीतशास्त्री (मृ. 2007)
1925 – औतार सिंग पैंटल, भारतीय, चिकित्साशास्त्र के वैज्ञानिक।
1950 – मोहिन्दर अमरनाथ – भूतपूर्व प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी।
1963 – पंकज पचौरी – वरिष्‍ठ टेलीविज़न पत्रकार।
1971 – लिम्बा राम – भारत के प्रथम प्रसिद्ध तीरंदाज हैं, जिन्होंने विश्व स्तर पर तीरंदाजी के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की।
1940 – आरती साहा – भारत की प्रसिद्ध महिला तैराक थीं।
24 सितम्बर के महत्वपूर्ण उत्सव और अवसर 
 विश्व हार्ट दिवस
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