आज है विश्वकर्मा पूजा, जानें कैसी करनी है पूजा

हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विश्वकर्मा निर्माण एवं सृजन के देवता कहे जाते हैं। आज विश्वकर्मा पूजा है। आज के दिन जो भी लोहे, हर तरह की मशीनरी, इंजीनियरिंग का या टेकनिकल चीजों का व्यपार करते है वो अपनी दुकान, फैक्ट्रियों और आॅफिस में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। विश्वकर्मा को दुनिया को सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। है। आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है क्योंकि इसी दिन इनका जन्म हुआ था.

आज है विश्वकर्मा पूजा, जानें कैसी करनी है पूजा

 

पूजनविधि

भगवान विश्वकर्मा की पूजा और यज्ञ विशेष विधि-विधान से होता है. इसकी विधि यह है कि यज्ञकर्ता पत्नी सहित पूजा स्थान में बैठे. इसके बाद विष्णु भगवान का ध्यान करें.

तत्पश्चात् हाथ में पुष्प, अक्षत लेकर मंत्र पढ़े और चारों ओर अक्षत छिड़के. अपने हाथ में रक्षासूत्र बांधे एवं पत्नी को भी बांधे. पुष्प जलपात्र में छोड़ें. इसके बाद हृदय में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें. दीप जलाएं, जल के साथ पुष्प एवं सुपारी लेकर संकल्प करें.

शुद्ध भूमि पर अष्टदल कमल बनाए. उस पर जल डालें. इसके बाद पंचपल्लव, सप्त मृन्तिका, सुपारी, दक्षिणा कलश में डालकर कपड़े से कलश की तरफ अक्षत चढ़ाएं. चावल से भरा पात्र समर्पित कर विश्वकर्मा बाबा की मूर्ति स्थापित करें और वरुण देव का आह्वान करें.

पुष्प चढ़ाकर कहना चाहिए- ‘हे विश्वकर्माजी, इस मूर्ति में विराजिए और मेरी पूजा स्वीकार कीजिए’। इस प्रकार पूजन के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि की पूजा कर हवन यज्ञ करें।
विश्वकर्मा पूजा मंत्र

विश्वकर्मा पूजा के समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए:

ओम आधार शक्तपे नम: और ओम् कूमयि नम:
ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:

विश्वकर्मा पूजा देती है धन—धानय

मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा करने वाले व्यक्ति के घर धन-धान्य तथा सुख-समृद्धि की कभी कोई कमी नही रहती है। इस पूजा की महिमा से व्यक्ति के व्यापार में वृद्धि होती है तथा सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।

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