खर्च कम करने के लिए होती है ऐसी शादी

मथुरा। जिले से 40 किलोमीटर दूर बलदेव ब्लॉक मे शादी को लेकर एक ऐसी परंपरा निभाई जाती है जो कि मानवता को शर्मसार कर देती है। बरौली गाँव की रहने वाली नीरू कहती है कि उनकी शादी 2010 में उसकी बड़ी बहन के साथ ही कर दी गई थी। तब बड़ी बहन की उम्र 17 साल थी और नीरू की उम्र महज़ 10 साल थी। बड़ी बहन ससुराल चली गई, लेकिन छोटी बहन मायके में ही रह गई ।

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ये एक ऐसी कुप्रथा है जिससे मानव जाति को नर्क मे धकेलती जा रही है । इस प्रथा मे एक ही मंडप में दो बहनों की शादी कर दी जाती है। परंपरा के नाम पर लड़कियों पर ये अत्याचार बहुत पहले से किया जा रहा है। यहां दो बहनों की शादी एक ही मंडप में करना परम्परा की तरह है।

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यहां ज्यादातर शादियां ऐसे ही होती हैं। यह परम्परा गरीब और अमीर दोनों तरह के परिवारों में देखने को मिलती है। अमीर परिवारों में इस तरह की शादी की कमी आई है लेकिन गरीब परिवारों में यह परम्परा बदस्तूर जारी है।

ऐसी कहानी सिर्फ नीरू की ही नहीं है। ऐसी कहानी मथुरा के हर दूसरे गाँव में देखने को मिल जाएगी। जहां लड़कियां एक परम्परा की वजह से कम उम्र में शादी करने को मजबूर हैं। महिला समाख्या से जुड़ी आदित्य बताती हैं  कि, “मथुरा में सिर्फ दो ही नहीं, लोग तीन-तीन लड़कियों की शादी भी एक साथ कर देते हैं। बड़ी लड़की तो कैसे भी ससुराल में समझौता कर रह लेती है।

परेशानी छोटी लड़की को उठानी पड़ती है। ज्यादातर छोटी लड़कियां या तो ससुराल से वापस आ जाती हैं या ससुराल में उन्हें कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

मथुरा टाउनशिप के रहने वाले रमेश कुमार (50 वर्ष) कहते हैं, “यहां की रीत कुछ ऐसी है कि दो-तीन लड़के और लड़कियों की शादी एक ही लड़के से  कर देते हैं। यहां कोई रोक-टोक तो है नहीं। नाबालिक लड़कियों की शादी भी कर देते हैं। अब तो कुछ कमी आई है अब रोक लग गई है लेकिन पहले ज्यादा होती है। अगर किसी गाँव में दस शादियां होती हैं तो उसमें से 2-4 शादी दो बहनों की होती है। इसकी मुख्य वजह है कि शादी का खर्च बचता है।” ये एक ऐसी  परम्परा है जिससे लड़कियां परेशान है।

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मथुरा में काम करने वाली एनजीओ महिला बाल कल्याण एवं शिक्षा समिति से जुड़ी सुमन यादव (55 वर्ष) बताती हैं, “शादी में कम खर्च हो इसके लिए लोग दो लड़कियों की शादी एक साथ करते है। मेरी जानकरी में तो बड़ी लड़की को शादी के समय ही विदा कर देते है और छोटी लड़की को रोक लेते है।

छोटी लड़की को बालिक होने पर भेजते है।” मथुरा के रहने वाले धर्मेन्द्र गौतम बताते हैं कि दो-दो लड़के-लड़कियों की एक साथ शादी पहले तो और भी ज्यादा होती थी, अब ऐसी शादी में कमी आई है।

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