मेहुल चोकसी के भारत छोड़ने के लिये चिदंबरम ने खड़े किये सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को इस बात पर आश्चर्य जताया कि हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ 2016 से पुलिस जांच चल रही थी, फिर भी वह कैसे देश से भाग गया।

चिदंबरम

चिदंबरम ने इसे लेकर केंद्र सरकार और गुजरात सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कई ट्वीट के जरिए यह भी कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय में एक हलाफनाम दाखिल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि चोकसी देश से भाग सकता है।

चिदंबरम ने कहा, “गुजराज उच्च न्यायालय में 20 जुलाई, 2016 को एक हलफनामा दाखिल किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मेहुल चोकसी पर 9,872 करोड़ रुपये का कर्ज है और वह देश से भाग सकता है। गुजरात सरकार ने कैसे उसे जनवरी 2018 में देश से जाने दिया।”

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चिदंबरम ने कहा, “मेहुल चोकसी के खिलाफ जब 2016 से पुलिस जांच चल रही थी, तो केंद्र सरकार और गुजरात सरकार ने उसे 2018 में कैसे देश से जाने दिया।”

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि एंटीगुआ का पासपोर्ट हासिल कर चुके मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का अनुरोध जल्द ही कैरिबियाई देश को भेजा जाएगा।

सीबीआई ने कहा कि चोकसी के प्रत्यर्पण से संबंधित एजेंसी का पत्र विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है।

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गौरतलब है कि सीबीआई 13,500 करोड़ रुपये के इस बैंक घोटाले की जांच कर रही है।

विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि सीबीआई की तरफ से प्रत्यर्पण अनुरोध प्राप्त हुआ है और इस बारे में एंटीगुआ और बरबुडा प्रशासन को अवगत कराने की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है।

चोकसी कथित तौर पर जनवरी 2018 के प्रथम सप्ताह में एक भारतीय पासपोर्ट पर भारत से भाग गया था।

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