गुरूवार के दिन न करें ये काम, झेलनी पड़ सकती हैं मुसीबतें

गुरुवार के दिन शास्त्रों के अनुसार हर दिन विशेष होता है. हर दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा होती है. गुरूवार के दिन श्री हरि विष्णुजी की पूजा की जाती है. साथ ही बृहस्पतिदेव की भी पूजा करते हैं. कई लोग पूजा के साथ व्रत भी रखते हैं. घर के बड़े बुजुर्ग कुछ काम गुरुवार के दिन नहीं करने की सलाह देते हैं. यह मान्यता पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है. ऐसी ही कुछ मान्यताएं हैं, जिन्हें गुरूवार के दिन नहीं करनी चाहिए.

बाल धोना : गुरुवार को महिलाओं को बाल धोने से मना किया जाता है. इसका कारण यह है कि महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति का कारक होता है. साथ ही बृहस्पति ही संतान का कारक होता है. इस प्रकार अकेला बृहस्पति ग्रह संतान और पति दोनों के जीवन को प्रभावित करता है. बृहस्पतिवार को सिर धोने से बृहस्पति कमजोर होता है, जिससे बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी होती है,

शेविंग करना : किसी भी जन्मकुंडली में दूसरा और ग्यारहवां भाव धन का स्थान होते हैं. गुरु ग्रह इन दोनों ही स्थानों का कारक ग्रह होता है. गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है. धन लाभ की जो भी स्थितियां बन रही हों. उन सभी में रुकावट आने लगती है. शरीर के बालों को साफ करना गुरुवार के दिन उचित नहीं माना जाता है.

बाल कटाना : इस दिन बाल भी नहीं कटवाना चाहिए. बाल कटवाने का गलत असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है. साथ ही उनकी उन्नति पर असर पड़ता है.

नाखून काटना :  नाखून गुरुवार को काटना धन हानि का संकेत हैं. इससे घर के मुखिया की तरक्की नहीं होती है. घर में पीड़ा आती है.

पोछा लगाना : बृहस्पति का प्रभाव शरीर पर रहता है. घर पर भी बृहस्पति का प्रभाव उतना ही गहरा होता है. वास्तु अनुसार घर में ईशान कोण का स्वामी गुरु होता है. ईशान कोण का संबंध परिवार के बच्चों से होता है. घर के पुत्र संतान का संबंध भी इसी कोण से होता है. इस कोण में धर्म और शिक्षा की दिशा है. पोछा लगाने से घर का ईशान कोण कमजोर होता है. घर के बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर असर पड़ता है.

 

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