नशे के दुष्प्रभावों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार : सीएम ठाकुर

शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को कहा कि प्रदेशोरकार नशे के दुष्प्रभावों के बारे में युवाओं को सचेत करने के लिए इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेगी, ताकि युवा पीढ़ी को इस बुराई से बचाया जा सके।

जयराम ठाकुर

ठाकुर ने सोलन जिले के प्रसिद्ध ठोडो मैदान में नशा निवारण रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी युवाओं को मादक पदार्थो के सेवन से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा, तभी सही अर्थो में प्रदेश देश भर में देवभूमि कहलाएगा।

उन्होंने कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है तथा देश पुलिस शहिदी दिवस मना रहा है। 75 वर्ष पूर्व इसी दिन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने राष्ट्र को विदेशी प्रभुत्व से मुक्त करवाने के लिए अजाद हिन्द सरकार का गठन किया था।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “नशे की आदत विशेषकर युवाओं में चिन्ताजनक है। हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। प्रदेश सरकार ने इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों से नशे की तस्करी पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।”

ठाकुर ने कहा कि उनकी पहल पर हाल ही में उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक चंडीगढ़ में आयोजित की गई, जिसमें इस बुराई पर अंकुश लगाने के लिए रणनीति तैयार की गई। उन्होंने कहा, “बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी चारों राज्य इस बुराई को समाज से दूर करने के लिए संयुक्त अभियान आरम्भ करेंगे।

ड्रग्स तस्करों को पकड़ने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त अभियान आरम्भ करने के भी प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने मादक पदार्थो की तस्करी से जुड़े लोगों को दंडित करने के लिए कठोर कानून बनाए हैं।”

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “इस बुराई को रोकने के लिए अध्यापकों तथा अभिभावकों की भी अहम भूमिका है। अभिभावकों को उनके बच्चों के व्यवहार में आए बदलाव पर भी नजर रखनी होगी। सिन्थेटिक मादक द्रव्यों का उपयोग और भी खतरनाक है तथा इसके लिए सचेत होने की आवश्यकता है।”

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ठाकुर ने युवाओं से नशे के सेवन से दूर रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार इस सामाजिक बुराई पर नजर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्तता को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में लाने के प्रयास किए जाएंगे।”

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