गुजरात चुनाव के बीच मोदी सरकार को बड़ी टेंशन, चीन-पाक के बाद ये ‘पड़ोसी’ बदलेगा पाला!
नई दिल्ली| भारत के लिए चीन और पाकिस्तान पहले से ही टेंशन बने हुए हैं वहीं अब एक और पड़ोसी देश बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है. नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी है और केपी शर्मा ओली ने सत्ता संभालने की हुंकार भर दी है. इसका सीधा सा मतलब है कि नेपाल चीन के पाले में जा सकता है.
नेपाल चीन के पाले में!
ओली लेफ्ट पार्टियों की साझा सरकार में वरिष्ठ सहयोगी के तौर पर जल्द ही शपथ लेने वाले हैं. ओली हमेशा से चीन के प्रति अपना झुकाव जाहिर करते रहे हैं. पिछली बार भी जब ओली के हाथ से सत्ता की चाबी गई थी तो उन्होंने इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था. माओवादियों द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण ओली की सत्ता गई थी. ओली ने भारत पर नेपाल की सरकार पर दबाव बनाने और नेपाल को कठपुतली बनाने का आरोप लगाया था.
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विदेश मामलों के जानकार ब्रह्म चेलानी कहते हैं, ‘नेपाल में दो प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टियां सीपीएन-यूएमएल के प्रमुख ओली और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के पीके दहल प्रचंड एक साथ आए हैं। नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार का झुकाव निसंदेह चीन की तरफ ही रहेगा।’
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चेलानी कहते हैं कि ओली पहले भी भारत को नेपाल में अस्थिरता के लिए दोष दे चुके हैं। चेलानी के अनुसार, ‘नेपाल के तराई इलाकों के प्रवासी मधेसियों का रुख भी भारत के हितों के खिलाफ ही रहा है। सत्ता में उनका फिर से लौटना किसी लिहाज से भारत के लिए अच्छी खबर नहीं कही जा सकती है।’
बता दें कि नेपाल में साल 2015 से संविधान लागू है.