पढ़ाई करते वक्त हो रही है कॉनसन्ट्रेशन में कमी अपनाएं यह वास्तु उपाय, बन जाएंगे क्लास के किंग

अक्सर बचपन में बच्चों का पढ़ाई से खेलने में मन लगता है। बच्चों का मन तो हर समय खेलकूद में ही रहता है। क्योकि स्वाभाव से ही बच्चे चंचल मन के होते है। इसलिए उनके माता-पिता हमेशा इस बात की फ़िक्र रहती है कि वो पढ़ाई पर कैसे ध्यान देंगे। ऐसे में अभिभावकों के लिए जरुरी है कि बच्चों के कमरे वास्तु के अनुसार बनवाएं। वास्तु शास्त्र में ऐसे बहुत से उपाय हैं जिनके प्रयोग से बच्चों का मन पढ़ाई में लगना शुरु हो जाएगा।

कॉनसन्ट्रेशन

वास्तु उपाय

स्टडी टेबल का आकार गोल, आयताकार या चौकोर हो। तिरछे आकार और टूटी हुई टेबल होने पर बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता और उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

1.पढ़ाई करते समय पीठ के पीछे खिड़की होने से बच्चे को ऊर्जा की प्राप्ति होगी अौर वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा।

2.स्टडी रूम में विद्या की देवी मां सरस्वती का चित्र या प्रतिमा ऐसे स्थान पर लगाएं जहां से बच्चे की नजर उन पर पड़ती रहें। इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा अौर बच्चे पर भी मां की कृपा बनी रहेगी।

3.जिस बच्चे का मन पढ़ाई में न लगे, वह उत्तर दिशा की अोर पैर करके सोएं।

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4.स्टडी टेबल के सामने 2 फुट का स्थान होने से बच्चे को मिलने वाली ऊर्जा में रुकावट नहीं पड़ती। स्टड़ी रूम अस्त-व्यस्त न हों। जो पुस्तकें प्रयोग में न आ रही हो उन्हें वहां से हटा देना चाहिए।

5.बच्चे को प्रेरणा देने के लिए स्टडी रूम में दौड़ने वाले घोड़ों या उगते हुए सूरज का चित्र, बच्चे के सर्टिफिकेट और ट्राफी सजाएं। ध्यान रहे किसी भी तरह के हिंसा या दु:ख देने वाली तस्वीर न लगाएं। इससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।

6.स्टडी टेबल को सदैव उत्तर दिशा में रखने से बच्चे में सकारात्मक ऊर्जा आती है। उसकी स्मरण शक्ति में भी बढ़ौतरी होती है। पढ़ते समय उसका मुख भी उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। जिससे उसकी थकान दूर होकर ऊर्जा का संचार होता है।

7.अध्ययन कक्ष का रंग पीला और वायलेट होना चाहिए। कुर्सी अौर टेबल का रंग भी ब्राइट होना चाहिए। कम्प्यूटर को सदैव दक्षिण पूर्वी दिशा में रखें।

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8.बच्चों का अध्ययन कक्ष शौचालय के नीचे नहीं बनाना चाहिए। कमरे में शीशा ऐसी जगह पर न लगाएं जहां पुस्तकों पर उसकी छाया पड़ती हो। ऐसा होने से बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ता है।

9.कमरे की खिड़की पूर्व दिशा में बनवाएं अौर उसे अधिकतर समय खोलकर रखें। ऐसा करने से ताजी हवा एवं सूर्य के प्रकाश के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति अौर नेगेटिव एनर्जी का नाश होता है।

 

 

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