भीकमपुरा में 3 दिवसीय चिंतन शिविर में किसानों का जमावड़ा, तय होगी आन्दोलन की रणनीति

भीकमपुरा। राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा स्थित तरुण भारत संघ के आश्रम में शनिवार से शुरू हुआ तीन दिवसीय चिंतन शिविर जारी है। इस शिविर में किसानों की समस्याओं के साथ एक समग्र आंदोलन की भी रणनीति बनाना प्रस्तावित है।

इस शिविर में देश भर से किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं का हुजूम भी हिस्सा लेने पहुंच रहा है। जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने शनिवार को बताया कि इस शिविर में हिस्सा लेने मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक महाराष्ट्र, हरियाणा, तामिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब सहित कुल 19 राज्यों के किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे।

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सिंह के अनुसार, शिविर में हिस्सा लेने एकता परिषद के संस्थापक पी.वी. राजगोपाल, किसान नेता रामपाल जाट, महाराष्ट्र से प्रतिभा शिंदे, विनायक पाटिल, रमाकांत बापू, निशिकांत भालेराव, विनोद बोदनकर, मध्य प्रदेश से मनीष राजपूत, पवन राजावत, उत्तम सिंह, जल-जन जोड़ों के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह, अमेरिका के पर्यावरणविद् मार्क एवर्ड सहित अनेक लोग यहां शिरकत कर चुके हैं।

सिंह ने आगे कहा कि सात से नौ अप्रैल तक चलने वाले इस शिविर में किसानी, पानी और जवानी पर खुलकर संवाद होगा। किसान आंदोलनों में बिखराव की वजह, आगामी आंदोलन की रणनीति सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी।

सिंह के मुताबिक, देश में अब भी किसान वर्ग बंटा हुआ है और वे अलग-अलग आंदोलन करते हैं। सरकारें इन आंदेालनों को आसानी से तोड़ भी देती हैं, लिहाजा एक सामूहिक आंदोलन जरूरी है। गन्ना किसान का आंदोलन अलग होता है।

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दलहन-तिलहन किसानों का आंदोलन अलग होता है, दूध उत्पादक, कपास उत्पादक, मछुआरों आदि का आंदोलन अलग होता है। अब कोशिश होगी कि सभी को एकजुट किया जाए और एक सामूहिक आंदेालन की रूपरेखा बनाई जाए।

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