सिनेमा से बदल रही छोटे शहरों के दर्शकों की सोच

मुंबई| राजस्थान के एक छोटे से कस्बे में ‘पटाखा’ की शूटिंग कर रहीं फिल्म की प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक राधिका मदान का कहना है कि ऐसी भीतरी इलाकों की कहानियां छोटे शहरों के बारे में शहरी दर्शकों की सोच बदल रही हैं। राधिका टीवी की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं।

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जयपुर के निकट रोंसी गांव में फिल्म की शूटिंग का अपना अनुभव बताते हुए यहां राधिका ने आईएएनएस को बताया, “छोटे शहर की लड़कियों के धारणा है कि वे अपनी जिंदगी बहुत अभावों में जीती हैं और हमेशा घूंघट में रहती हैं। लेकिन यह सच नहीं है। फिल्म के दौरान, मैंने महसूस किया कि छोटे शहर की लड़कियों का जीवन महान है जो कुछ हद तक पुरुषों पर हावी है।”

 

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम लोग सिनेमा के माध्यम से पूर्वाग्रह को तोड़ रहे हैं।”

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‘पटाखा’ दो बहनों की कहानी है। यह चरण सिंह पथिक द्वारा लिखी गई लघुकथा ‘दो बहनें’ पर आधारित है। राधिका ने इसमें बड़ी बहन चंपा कुमारी का किरदार निभाया है।

 

राधिका कहती हैं कि रोंसी गांव की लड़कियों ने उन्हें बीड़ी जलाना और लोकगीतों पर डांस करना सिखाया।

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इससे पहले टीवी श्रंखला ‘मेरी आशिकी तुम से ही’ में काम कर चुकीं राधिका (23) ने कहा, “लड़कियां अपने समूह के साथ मस्ती करतीं थीं और उनके परिजनों का भी खयाल रखती थीं। वे यौन विषयों पर इतनी खुली हुई थीं कि जब वे अपनी पारिवारिक सहेलियों से इस पर बात करती थीं तो वे खुल कर बात करती थीं। इसलिए अगर शहरी महिला के तौर पर कोई सोचे कि वे उदार मानसिकता की नहीं थीं और उनका कोई जीवन नहीं था, तो यह गलत है।”

 

विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित ‘पटाखा’ 28 सितंबर को रिलीज हो रही है। सान्या मल्होत्रा भी इसमें प्रमुख भूमिका में हैं।

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