तुलसीदास के बताए ये सात गुण जीवन में अपनाकर देखें, हर रास्तें पर होंगे कामियाब
रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवियों में से एक थे। तुलसीदासजी के द्वारा लिखे गए दोहे में ये बताया है कि जब आप पर कोई संकट आए तो किस तरह उसका समाधान कर सकते हैं।
तुलसीदास जी का दोहा इस प्रकार है:-
तुलसी साथी विपत्ति के विद्या, विनय, विवेक।
साहस सुकृति सुसत्याव्रत राम भरोसे एक।।
दोहे का अर्थ- तुलसीदास जी कहते हैं कि विपत्ति में अर्थात मुश्किल वक्त में ये गुण मनुष्य का साथ देते हैं- 1. विवेक, 2. अच्छे कर्म, 3. ज्ञान, 4. साहस, 5. विनम्रता पूर्वक व्यवहार, 6. सच और 7. भगवान में आस्था।
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विवेक- विवेक यानी बुद्धि, जो आपको सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है। इस गुण से आप मुश्किलों को पहले ही भांप सकते हैं और उसका निराकरण कर सकते हैं।
अच्छे काम- अगर आप नेक इंसान हैं और आपने कभी किसी का बुरा नहीं किया, हमेशा अच्छे काम ही किए हैं तो इसके फलस्वरूप भी आप परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं।
ज्ञान- ज्ञान यानी आपकी पढाई, शिक्षा और जीवन के अनुभव। अगर आप किसी मुसीबत में है तो ज्ञान के माध्यम से आप उस समस्या का समाधान जरूर निकाल लेंगे।
साहस- ये गुण आपको मुश्किलों से लड़ने में मदद करता है। साहस के बल पर ही आप बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना भी आसानी से कर सकते हैं।
विनम्रता पूर्वक व्यवहार– विनय यानी विनम्रता। अगर आप विनम्र हैं तो आप सबसे प्रेम और अपनत्व से बात करते हैं। ये गुण आपको किसी भी मुसीबत से बचा सकता है।
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सच- सच बोलने की आदत आपको सहज बनाएगी और अनचाही परीस्थितियों से भी बचाएगी। आपका ये गुण आपको अनेक परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है।
भगवान में आस्था- जब आप ऐसी विपत्ति में फंस जाएं, जहां से निकलना मुश्किल हो तो भगवान के प्रति आस्था आपको हर संकट से छुटकारा दिला सकती है।
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