खेलो इंडिया का नारा हुआ नदारद, बिना कोच के प्रतिभाएं नहीं निखार पा रहे बच्चे

देश आजादी का 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन निराशा की बात यह है कि आज भी उत्तर प्रदेश में मूलभूत आवश्यकताओं को पूरी नहीं की जा सकी। अगर बात करें प्रदेश में खेल संसाधन की तो इसका मुख्य अंश है मैदान, जो आज भी नवजवानों के जरूरत के अनुरूप उपलब्ध नहीं है।

अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी आज भी खेल मैदान के मामले में पिछड़ा है। जहां गांव-गांव में खेल मैदान होना तो दूर की बात है, पूरे जिले भर में ठीक-ठाक एकाक मैदान उपलब्ध है। यदि जिले में मैदान है भी तो वो भी संसाधन के आभव में मुर्झाए पड़े हैं।

यही हाल बरेली स्पोर्ट्स स्टेडियम का है, जहां एथलेक्टिस के खिलाड़ियों क लिए कोच और न ही ट्रैक है। खिलाड़ी अस्थाई 400 मीटर के ट्रैक पर ट्रेनिंग लेते हैं मगर सुविधाओं के अभाव में उनकी प्रतिभा नहीं निखर पा रही है। हालांकि जिला एथलेक्टिस संघ की ओर से लगातार खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

शासन की ओर से पांच साल से स्पोर्ट्स स्टेडियम में कोई कोच नहीं है। एथलेटिक्स में कई तरह के खेल होते हैं, इसमें लघु दौड़, मध्यम दूरी, लंबी दूरी, रिले, जंप में लंबी कूद, ऊंची छलांग, बांस कूद, थ्रो में भाला फेंक डिस्कस थ्रो, हथौड़ा फेंक आदि शामिल है, लेकिन अब तक कहीं पर भी इसका 400 मीटर का सिबेटिक ट्रैक नहीं बना है। न ही शॉटपुट के लिए गद्दा है।

काजल चक्रवर्ती ने रोहिलखंड विश्व विद्यालय की 10 किलोमीटर क्रॉस कंट्री दौड़ में रजत पदक प्राप्त किया जिसका श्रेय उन्होंने कोच साहिबे आलम को दिया। हिंदुस्तान मैराथन एवं कैंटोनमेंट बोर्ड के मैराथन दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। वर्ष 2021-22 में यूपी स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप लखनऊ 5000 मीटर में कांस्य पदक प्राप्त किया।

लखनऊ विश्वविद्यालय की क्रॉस कंट्री दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया। उनका चयन अखिल भारतीय विश्वविद्यालय क्रॉस कंट्री दौड़ बेंगलुरु के लिए किया गया जिसमें उन्होंने 34 वां स्थान प्राप्त किया।

मोहम्मद अलीम ने दरबारी लाल शर्मा इंटर कॉलेज रिठौरा से दसवीं तक की पढ़ाई की। विद्यालय का प्रतिनिधित्व जोनल एवं जिला स्तरीय विद्यालय एथलेटिक प्रतियोगिता 2012-13 के जूनियर वर्ग में किया।

पंद्रह सौ व 3000 मीटर में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उसका मंडलीय प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया। रोहिलखंड विश्वविद्यालय एथलेटिक प्रतियोगिता में 5000 एवं 1000 मीटर में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

उनका चयन अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एथलेटिक प्रतियोगिता, जिसका आयोजन मैंगलुरु में किया गया, उसमें प्रतिभाग किया । मोहम्मद अलीम स्पोर्ट्स कोटे के अंतर्गत जाट सेंटर बरेली में ग्राउंड फिट हो चुके हैं।

अब उनको परीक्षा पास करने अनिवार्य है, जिसके लिए वह पढ़ाई कर रहे हैं। मोहम्मद अलीम धोरिया जागीर रिठौरा ग्रामीण क्षेत्र से हैं। उनके पिता सगीर मोहम्मद पेशे से राजगीर का काम करते हैं। उन्होंने इसका श्रेय कोच साहिबे आलम को दिया।

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