केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदों पर RBI का बट्टा, बिगाड़ सकता है गणित!

नई दिल्‍ली। केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार की तरफ से मिलने वाला तोहफे पर फिलहाल संकट के बादल घिरते दिखायी पड़ रहें हैं। हम बात कर रहें हैं 7वें वेतन आयोग की जिसके आने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की चांदी हो गयी है। लेकिन कर्मचारियों की तरफ से उनके न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग अभी भी लंबित है। अगर ऐसा होता है तो इससे एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन को लाभ मिलेगा। लेकिन आरबीआई ने फिलहाल इस पर बट्टा लगाता दिखायी पड़ रहा है।

केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदों पर RBI का बट्टा

दरअसल आरबीआई ने इस माह की शुरुआत में मौद्रिक नीति की समीक्षा की थी। इसमें एक बार फिर आशंका जताई गई है कि एचआरए (हाउस रेंट एलाउंस) में संशोधन से महंगाई बढ़ने का खतरा बरकरार है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार आरबीआई की चिंता पर अमल करती है तो वेतन बढ़ने की उम्‍मीदें क्षीण हो सकती हैं।

कैसे बनती है पेंशन

केंद्रीय कर्मचारियों को बेसिक पे फिटमेंट फैक्‍टर के आधार पर मिल रही है। फिटमेंट फैक्‍टर का इस्‍तेमाल 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में किया गया था, यानि 6ठे वेतन आयोग के दौरान जो बेसिक पे थी उससे फिटमेंट फैक्‍टर को गुणा कर दिया जाए। इस आधार पर 7वें वेतन आयोग के तहत बेसिक पे बनती है।

महंगाई की दर का गणित

केंद्रीय बैंक ने पहले भी कहा था कि 7वें वेतन आयोग को लागू करने से महंगाई दर पर असर पड़ा है। आरबीआई ने कहा है कि 2018-19 की पहली छमाही में महंगाई की दर 4.8 से 4.9 प्रतिशत के बीच रहेगी और दूसरी छमाही में इसके 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसमें केंद्रीय कर्मचारियों का एचआरए इम्‍पैक्‍ट शामिल है। इस महंगाई दर के और ऊपर जाने का भी अनुमान है।

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