अनोखी शादी ने दिया संदेश, ‘भगवान ही बनाता है जोड़ी’
रिपोर्ट -पंकज श्रीवास्तव
गोरखपुर। बैंड, बाजा और बारात…सब कुछ वैसा ही जैसा आमतौर पर शादी में देखने को मिलता है। लेकिन गोरखपुर के लोगों के लिए आज की ये शादी आम शादियों से कुछ अलग और खास रही। शादी में आने वाले लोगों में दूल्हा-दुल्हन के साथ सेल्फी खिंचवाने का जुनून भी खूब दिखाई दिया। इस शादी को हम इसलिए अनोखी कह रहे हैं क्योंकि इस शादी में दूल्हा 34 इंच और दुल्हन 33 इंच की है। लेकिन अब वे भविष्य के सपने संजोए आम दूल्हा और दुल्हन की तरह सात फेरे लेकर जन्म-जन्मांतर के लिए एक-दूजे के हो गए। दूल्हा बने डॉ. सुनील पाठक और दुल्हन सारिका मिश्रा शादी से बहुत खुश है।
हमारी भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि जोड़िया तो भगवान बनाते हैं। ये जोडि़यां भी सात जन्मों तक साथ निभाने का वचन भी लेती हैं। गोरखपुर के प्रज्ञा कालोनी रानीबाग के रहने वाले स्व. भगवती प्रसाद मिश्रा और श्रीमती ऊषा देवी के घर जब 36 साल पहले बेटी की किलकारी गूंजी, तो सभी ने घर आई लक्ष्मी का खूब सत्कार किया, बेटी का नाम सारिका मिश्र रखा गया। वक्त तो गुजरा लेकिन, सारिका का कद आम लड़कियों की तरह नहीं बढ़ा। वो 33 इंच की रह गई. बेटी सारिका की उम्र बढ़ने के साथ ही उसके विवाह की चिंता भी घरवालों को सताने लगी, लेकिन आज वो बहुत खुश है।
गोरखपुर के खजनी के विशुनपुरा गांव के रहने वाले विश्वनाथ पाठक और श्रीमती कैलाशी देवी के परिवार का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा। 42 साल पहले जब उनके घर में बेटे डॉ. सुनील पाठक का जन्म हुआ, तो परिवार ने भी खूब सपने संजोए। वक्त तो गुजरता गया, लेकिन उनका भी कद ठहर सा गया। वो 34 इंच के रह गए लेकिन दोनों के घरवालों ने उन्हें खूब दुलार और लाड-प्यार के साथ बड़ा किया। नतीजा सारिका ने बीए पास कर लिया और सुनील ने संस्कृत से पीएचडी कर ली. भगवान ने संजोग से दोनों की जोड़ी बना दी। आज वे विवाह बंधन में बंधकर हमेशा के लिए एक-दूज के हो गए।
दूल्हा डॉ. सुनील संस्कृत से पीएचडी हैं। वे कहते हैं कि उनके भी मन में ये सपना पलता रहा है कि एक दिन उनकी शादी होगी। लेकिन, अब उन्होंने शादी की उम्मीद खो दी थी लेकिन, भगवान की कृपा हुई और उनकी आज शादी हो रही है। वे इस शादी से बहुत खुश हैं उनको भी उनका जीवन साथी मिल गया है और वे अन्य लोगों की तरह वैवाहिक जीवन को पूरी खुशी के साथ निभाएंगे। वहीं दुल्हन सारिका का कहना है कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास था कि एक दिन उनकी शादी होगी। हर लड़की की तरह उनके भी मन में ये सपना पल रहा था कि उनका भी दूल्हा आएगा और उन्हें ब्याह कर ले जाएगा। आज वे बहुत खुश हैं उनके जीवन का सबसे सुनहरा और खुशी का दिन आज आ ही गया।
दुल्हन की भाभी चन्द्रप्रभा मिश्रा कहती हैं कि आज वे बहुत खुश हैं। उनकी ननद की शादी हो रही है। इससे ज्याद खुशी की बात उनके लिए और क्या हो सकती है। वहीं दुल्हन की बहन रीता मिश्रा कहती हैं कि आज उनकी बहन की शादी है। सभी बहनें उसकी शादी में सम्मिलित होने के लिए आईं हैं। आज उनके और परिवार के सभी सदस्यों के लिए बहुत ही खुशी का दिन है। उनकी बहन आज विवाह के बंधन में बंध रही है।
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दूल्हे के भाई कृष्णानंद पाठक कहते हैं कि उन्हें बहुत ही अच्छा लग रहा है। उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि उनके भाई की शादी हो पाएगी। लेकिन ऐसा रिश्ता मिल गया, जिससे परिवार के लोग तुरंत शादी को तैयार हो गए। वे कहते हैं कि इनका कद कभी भी आड़े नहीं आएगा। जो भी कमियां होगी, वे उसे पूरा करेंगे। इसके साथ ही वे ये भी कहते हैं कि ये सुना था कि जोडि़यां ऊपर से बनकर आती है और आज वे भी इस बात को मानते हैं कि रब ही जोड़ी बनाते हैं और आज भी रब ने बना दी जोड़ी.
इस अनोखी शादी की चर्चा शादी तय होने के बाद से ही शहर में चलती रही। नतीजा इसमें बहुत से ऐसे लोग भी पहुंचे थे, जिनको न तो वर पक्ष से न्योता मिला था और न ही वधू पक्ष से लेकिन, सभी के चेहरे पर खुशी साफ झलकती दिखाई दी।