
अमर सरदाना
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में शराब को अधिक दामों पर बेचा जा रहा है, जिसे लेकर अमर सदाना लाइव टुडे स्टेट हेड mp/cg ने पीएम नरेंद्र मोदी,सीएम बघेल और आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत आधा दर्जन से अधिक जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत किया। उसके बावजूद भी शराब के ओवर रेटिंग को लेकर अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया गया।

दरअसल पिछले 8 दिनों से बस्तर में अवैध वसूली के खिलाफ दर्जन भर से अधिक राष्ट्रीय टीवी चैनल , न्यूज़ पेपर के अलावा न्यूज़ वेबसाइट में खबर का प्रकाशन किया गया जिसके बाद भी कार्यवाही नहीं होने पर इस मामले का उच्च स्तर पर शिकायत किया गया हैं।
छत्तीसगढ़ में आबकारी मंत्री कवासी लखमा बस्तर सुकमा से आते है और छत्तीसगढ़ में शराब दुकानों पर सरकार का नियंत्रण है । छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब के सभी बोतलों पर निर्धारित मूल्यदर तय कर दिया है, प्रत्येक बोतलों में अधिकतम मूल्य का लेबल भी लगाया जाता है, ताकि निर्धारित मूल्य पर ही शराब बेची जाये। उसके बावजूद भी पूरे बस्तर संभाग में ओवररेटिंग का खेल बड़े धड़ल्ले से खेला जा रहा है।
इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुकानों के सुपरवाइजर, आबकारी अधिकारियों और शराब कंपनियों की साठगांठ से लाखो की अवैध वसूली को हर रोज किया जा रहा है। सभी नियमो को दरकिनार कर शराब की सभी बोतलों में एमआरपी से अधिक दाम लेकर लगातार शराब प्रेमियों की जेबें को काटा जा रहा है। इसके साथ ही अधिक मुनाफा के लिए शराब के सील पैक बोतलों को खोलकर मिलावट किया जाता है ।
ऐसे बहुत से शराब के दुकान शहर में स्थित है, जहां इस तरह के आपराध को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है। बता दें कि सभी आला अफसरों का इसी दुकानों के सामने से रोज आना-जाना है, लेकिन शराब बिक्रेता लगातार दबंगई के साथ बेख़ौफ़ होकर अपनी मनमानी किये जा रहे हैं ।
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल ये है, कि आखिर इन्हें संरक्षण कौन दे रहा है ?
अब इस मामले को लेकर जिम्मेदार अफसरों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। अगर जल्द ही जिम्मेदारों पर कार्यवाही नहीं होती है, तो मामला आगामी विधानसभा सत्र में उठना तय है।
गौरतलब है कि सबसे ज्यादा बिकने वाला गोवा स्पेशल शराब जिसकी कीमत 120 रुपया निर्धारित है, जिसे 130 से लेकर 140 रूपये तक पर प्रत्येक दुकानों पर बिकते हुए देखा जा सकता है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर पूरे बस्तर संभाग में देशी व विदेशी मदिरा को मिलाकर कुल 38 दुकानें हैं। सभी दुकानों में ओवररेटिंग का खेल खेला जा रहा है, तो प्रश्न यह उठता है कि लाखों की राशि किसके जेब मे जाती होगी ?
इस मामले को लेकर एक दुकान के सुपरवाइजर ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि कंपनी वाले कहते है अगर ओवरेटिंग नही करते हो तो तुम्हारा ठेका रद्द कर दिया जाएगा। इसलिए हम पर प्रेशर के कारण अधिक दामों पर शराब बेचना पड़ता है। यह खेल आबकारी अधिकारियों के मिलीभगत से खेला जा रहा है। लाजमी सी बात है कि इस पैसे का हिस्सा कंपनी से लेकर आबकारी के प्रभारियो व उच्च अधिकारियों तक पहुंचता होगा ? तभी विगत लंबे समय से इस खेल को पूरे बस्तर में खुलेआम खेला जा रहा है।