18 महीनों से शव के साथ रह रहा था परिवार, जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर के रावतपुर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां पिछले साल अप्रैल में एक निजी अस्पताल में मृत व्यक्ति के परिजनों ने उसके शव को अपने घर में यह समझ कर इतने दिन रखा कि वह कोमा में है, और जिंदा है। मृतक की पहचान आयकर विभाग में कार्यरत विमलेश दीक्षित के रूप में हुई है।

दरअसल, अप्रैल 2021 के दौरान गुजरात में इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी के पद पर तैनात रहे कानपुर के विमलेश दीक्षित की अपने निवास रावतपुर में मौत हो गई थी। मोती अस्पताल की ओर से डेथ सर्टिफिकेट भी जारी किया गया था।18 महीने बीत जाने के बाद भी परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया। घर पर ही शव को रखा और विमलेश को जिंदा बताकर उसका घर पर ही इलाज कर रहे थे।

सड़ चुका है शव
पुलिस ने बताया कि शव पूरी तरह सड़ चुका था, एक अधिकारी ने कहा कि दीक्षित की पत्नी मानसिक रूप से कमजोर प्रतीत होती है, कानपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि निजी अस्पताल ने मृत्यु प्रमाण पत्र में कहा था कि विमलेश दीक्षित की मृत्यु 22 अप्रैल, 2021 को अचानक दिल का दौरा के कारण हुई थी।

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