राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन सिटी में 35 साल पुराने हत्या के मामले में फरार चल रहे 10,000 रुपये के इनामी आरोपी रणवीर सिंह जाट को सूरौठ थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बरसाना से गिरफ्तार किया है। आरोपी बरसाना के जलमहल मंदिर में साधु का वेश धारण कर फरारी काट रहा था। पुलिस की सक्रियता और लगातार छानबीन के बाद इस शातिर अपराधी को हिरासत में लिया गया।

सूरौठ थाना प्रभारी महेश कुमार ने बताया कि 22 मार्च 1989 को ढिंढोरा गांव निवासी मानसिंह कुम्हार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, उनके पिता रामभरोसी प्रजापत और छोटा भाई विजय सिंह गांव के सरकारी कुएं पर पशुओं को पानी पिला रहे थे। इस दौरान रणवीर सिंह जाट और अन्य लोगों ने उनकी नीची जाति का हवाला देकर पानी पिलाने का विरोध किया। विरोध के बाद आरोपियों ने रामभरोसी और विजय सिंह के साथ लाठियों से मारपीट की। इसके बाद आरोपी उनके घर पहुंचे और लाठी-डंडों व धारदार हथियारों से हमला किया, जिससे रामभरोसी की मृत्यु हो गई।
कानूनी कार्रवाई और फरारी
- पुलिस ने मामले में रणवीर सिंह सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
- 1991 में रणवीर सिंह को जमानत मिल गई, लेकिन इसके बाद वह फरार हो गया और न्यायालय में पेश नहीं हुआ।
- 31 अक्टूबर 2017 को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, हिंडौन सिटी ने रणवीर सिंह को हत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
- पुलिस ने उसकी तलाश तेज की और उस पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया।
पुलिस की तलाश और गिरफ्तारी
- कई वर्षों तक पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर दबिश दी और लोगों से पूछताछ की, लेकिन रणवीर सिंह का कोई सुराग नहीं मिला।
- हाल ही में पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देशन में सूरौठ थाना पुलिस ने ऑपरेशन तलाश के तहत अभियान तेज किया।
- मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस उत्तर प्रदेश के नंद गांव पहुंची, जहां पता चला कि रणवीर सिंह बरसाना के जलमहल मंदिर में साधु का वेश धारण कर रह रहा है।
- पुलिस ने मंदिर में घेराबंदी की और साधु वेश में मौजूद रणवीर सिंह को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उसकी पहचान की पुष्टि हुई।
- रणवीर सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस की रणनीति
पुलिस के अनुसार, रणवीर सिंह ने अपनी पहचान छिपाने के लिए साधु का वेश धारण किया और उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, और हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर रहा। वह मंदिरों और धार्मिक स्थलों में रहकर पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस ने स्थानीय लोगों और मुखबिरों की मदद से उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और अंततः उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल की।