‘भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं बिहार के मुख्यमंत्री’

तेज प्रताप यादवपटना। दो दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेज प्रताप यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) के बीच प्रारंभ ‘जुबानी जंग’ भले ही थम गया हो, परंतु मंगलवार को बिहार विधानसभा में लालू के दूसरे पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और सुमो ने एक-दूसरे पर जमकर ‘जुबानी तीर’ छोड़े। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूदा उपमुख्यमंत्री तब आमने-सामने आ गए, जब विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्ष के सरकारी घोटालों पर कार्यस्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया। इसके बाद प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, “पहले जहां नीतीश कुमार को सुशासन के लिए जाना जाता था, वहीं अब उन्हें भ्रष्टाचार के ‘भीष्म पितामह’ के रूप में जाना जाने लगा है।”

उन्होंने सदन में कहा कि बिहार में कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता, जब समाचार पत्रों और समाचार चैनलों में यहां के घोटालों की खबर नहीं होती।

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इस क्रम में उन्होंने सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला सहित कई घोटाले भी गिनाए।

इन आरोपों को सुन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री को 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के विषय में भी सदन को बताना चाहिए कि आखिर 28 वर्ष की उम्र में 28 बेनामी संपत्ति के मालिक कैसे बन गए?

इसके बाद एक बार फिर तेजस्वी ने मोर्चा संभाला और कहा, “कभी मुझे बच्चा बताया जाता है, कभी घोटालों का आरोप लगा दिया जाता है। मैं उपमुख्यमंत्री पद पर रहा हूं, परंतु एक भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे।”

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उल्लेखनीय है कि बिहार में राजद, कांग्रेस और जद (यू) महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी उपमुख्यमंत्री थे। इसके बाद भ्रष्टाचार के एक मामले में तेजस्वी के आरोपी बनने के बाद महागठबंधन टूट गया और फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ सरकार बना ली।

गौरतलब है कि इसके पूर्व तेज प्रताप ने सुमो को घर में घुसकर मारने की धमकी दी थी।

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