तेजस्वी जातिगत जनगणना करवाने के लिए अड़े, कहा- बिना OBC गणना के जनगणना नहीं होने देंगे

देश में हर 10 वर्ष पर जनगणना होती है, उस हिसाब से जनगणना शुरू हो जाना चाहिए था। लेकिन अभी तक नहीं शुरू हुआ है।बुधवार को जनगणना को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जातियों के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की गणना के बिना बिहार में कोई जनगणना नहीं होने देंगे।

उन्होंने इसके साथ ही भाजपा पर सामाजिक न्याय विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय जो स्वयं ओबीसी समुदाय से आते हैं, ने संसद में दिए गए एक लिखित बयान कहा है कि सरकार दलितों और आदिवासियों के अलावा अन्य सामाजिक समूहों की गिनती नहीं कराएगी।

तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा घोर सामाजिक न्याय विरोधी पार्टी है। बिहार विधानसभा से जातिगत जनगणना कराने का हमारा प्रस्ताव दो बार सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। लेकिन भाजपा और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राय ने लिखित में जातिगत जनगणना कराने से मना कर दिया है। बिना इसके बिहार में कोई जनगणना नहीं होने देंगे।

आपको बता दें कि तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जिसने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी ताकि जातिगत जनगणना की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाया जा सके।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी का भी विचार था कि यदि केंद्र सहमत नहीं होता है तो राज्य सरकार को अपने संसाधनों से उक्त कवायद पर विचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सैद्धांतिक रूप से इस राज्य विशेष कवायद पर सहमत हो गए हैं।

लेकिन इसके तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक में भाग लेने की भाजपा की कथित अनिच्छा से यह मामला अधर में लटका हुआ है। बाद में तेजस्वी ने नीतीश पर मामले में अपने पैर पीछे खींचने का आरोप लगाते हुए सवाल किया था कि राज्य विधानसभा में भाजपा सदस्यों के समर्थन सहित सर्वसम्मति से दो बार प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद भी एक और बैठक की आवश्यकता कहां थी।

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