पाकिस्तान को मिला करारा जवाब, सुषमा स्वराज ने दक्षेस में किया ये कारनामा

संयुक्त राष्ट्र। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन(दक्षेस) के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से किसी भी तरह की बातचीत न हो सके, इसके लिए उन्होंने बड़ा ही सावधान कदम उठाया। सुषमा आतंकवाद का वातावरण समाप्त करने का एक आह्वान करने के बाद बैठक से बाहर चली गईं।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

भारत की ओर से दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत से पीछे हटने के बाद, यहां गुरुवार की दक्षेस बैठक पर सबकी नजर थी, जहां दोनों नेताओं के बीच आमना-सामना होने की संभावना थी। लेकिन सुषमा ने बातचीत की कोई स्थिति ही नहीं बनने दी।

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि ‘आतंकवाद हमारे क्षेत्र और विश्व में शांति व स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।’

समा टीवी के मुताबिक, कुरैशी ने बाद में पाकिस्तानी मीडिया से सुषमा पर तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कि वह स्वस्थ्य महसूस नहीं कर रही हों।

हालांकि सुषमा का इस हफ्ते काफी व्यस्त कार्यक्रम है। उनका जापान के विदेश मंत्री तारो कानो ओर सीरिया के उप प्रधानमंत्री वालिद अल मुअल्लम से मुलाकात का भी कार्यक्रम है।

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दक्षेस बैठक से पहले, उन्होंने इब्सा (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका) और ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) की बैठक में अपनी बात रखी।

दक्षेस बैठक के अपने संबोधन में उन्होंने हालांकि ‘आतंकवाद की भयावहता’ के बारे में बताते हुए पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।

उन्होंने कहा, “विकास और हमारे लोगों के आर्थिक विकास व समृद्धि के लिए क्षेत्रीय सहयोग में शांति व सुरक्षा का माहौल सबसे जरूरी है।”

स्वराज ने कहा, “यह जरूरी है कि हम आतंकवाद की भयावहता और इसकी समर्थन प्रणाली के सभी रूपों को समाप्त करें।”

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उन्होंने कहा, “हम हमारे ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ के अंतर्गत हमारे क्षेत्र के विकास और समृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।”

सुषमा ने अपने भाषण के दौरान दक्षिण एशिया उपग्रह, दक्षेस आपदा प्रबंधन केंद्र, दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय, मोटर वाहन व रेलवे में दक्षेस समझौते जैसे कई सफल परियोजनाओं का जिक्र किया।

समा टीवी के मुताबिक, कुरैशी ने हालांकि भारत द्वारा दक्षेस की प्रगति को बाधित करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘सुषमा स्वराज क्षेत्रीय सहयोग की तो बात करती हैं, लेकिन इस तरह का आपसी सहयोग कैसे होगा जब क्षेत्र के देश तो एक साथ बैठने को तैयार हैं, लेकिन आप इस बातचीत में रोड़ा अटका रहे हैं।’

भारत ने पिछले हफ्ते पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर सुषमा और कुरैशी के बीच वार्ता को लेकर सहमति जताई थी।

भारत ने हालांकि बाद में कश्मीर में तीन भारतीय पुलिसकर्मियों की हत्या और पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों के महिमामंडन वाले स्टैम्प जारी करने के बाद वार्ता रद्द कर दी थी।

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