चारों तरफ से वन्यजीव अभयारण्य और जंगलों से घिरा पूर्वाचल का यह राज्य

यूं तो भारत के सभी राज्य अपनी अलग-अलग विविधता के लिए जाना जाता है। लेकिन झारखंड राज्य के पास जीव वन्य, नदी, झरनें, धार्मिक स्थल, लोककला के क्षेत्र काफी जाना जाता है। यहां के जनजातीय समाज जंगलों के सच्चे मित्र माने जाते हैं। यहां के जंगल यहां का गहराई से जुड़े हुए हैं। यहां कई शानदार वन्यजीव अभयारण्य है। अगर आप वन्य जीव को करीब से देखना और उन्हें समझना चाहते हैं तो यहां जरूर जाएं।

दलमा वन्यजीव

दलमा वन्यजीव अभयारण्य

दलमा वन्यजीव अभयारण्य जमशेदपुर से 10 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह वन्य अभयारण्य दलमा पहाड़ी पर बसा हुआ है। जीव-वनस्पतियों से समृद्ध यह क्षेत्र अपनी पहाड़ी सुंदरता के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। आप यहां वन्य जीवों में हाथी, हिरण, स्लोथ भालू आदि को देख सकते हैं। यहां पर घने जंगल होने के कारण वन्यजीव सुरक्षित रह पाते हैं।

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हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य

झारखंड के वन्यजीव अभयारण्यों की श्रृंखला में आप यहां के पुराने हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह उद्यान राजधानी शहर रांची से लगभग 90 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह अभयारण्य बाघ, तेंदुआ, नीलगाय, भालू , लकड़बग्घा जैसे जंगली जीवों का सुरक्षित घर माना जाता है। हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य उन पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थल है जो बाघ देखने के शौकीन हैं। आप यहां की रोमांचक सैर का आनंद जी भरकर ले सकते हैं, वन विभाग के द्वारा यहां पर्यटकों के लिए बहुत सी मनोरंजन सुविधाएं उपलब्ध हैं।

हजारीबाग वन्यजीव

सिंहभूम हाथी रिजर्व

इन दोनों स्थानों के बाद आप यहां के सिंहभूम हाथी रिजर्व की सैर का भी आंनद ले सकते हैं। आज यहां हाथियों की हर प्रजाति को देख सकते हैं। यहां पर अलग-अलग तरह की औषधि भी पाई जाती है इस नाते इसे वनस्तपतियों का घर भी कहा जाता है।

सिंहभूम हाथी

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