सुप्रीम कोर्ट ने कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता बढ़ाने के दिए निर्देश, जानें क्या है यह रोग

इतनी सारी बीमारियों के बीच कुष्ठ रोग एक संक्रामक बीमारी है। जो धीरे-धीरे शरीर में फैलती है। यह बीमारी बैक्टीरिया माकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होती और बढ़ती है। कोर्ट ने इस बीमारी के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए काम किया है। अदालत ने केंद्र व राज्य सरकारों से कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के लिए पुनर्वास योजना बनाने का निर्देश दिया है।

कुष्ठ रोग 

अदालत ने अपने फैसले में कहा, जागरूकता अभियान में यह बात जरूर शामिल होनी चाहिए कि कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति को किसी विशेष क्लीनिक या अस्पताल या आरोग्य आश्रम में भेजने की जरूरत नहीं है और उसे परिवार के सदस्यों या समुदाय से अलग नहीं किया जाना चाहिए। प्रचार में यह बात सूचित करना चाहिए कि कुष्ठ रोग से पीड़ित एक व्यक्ति एक सामान्य वैवाहिक जीवन जी सकता है और बच्चे पाल सकता है, सामाजिक समारोह में भाग ले सकता है और सामान्य रूप से कार्य कर सकता या स्कूल जा सकता है। कुष्ठ रोग के मरीजों की समाज में स्वीकार्यता से और इस रोग से जुड़े कलंक को कम किया जा सकता है।

कुष्ठ रोग 

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 क्या है कुष्ठ रोग 

कुष्ठ रोग का बैक्टीरिया छड़ी के आकार का होता है। कुष्ठ रोग केवल स्किन को ही नहीं नसों को भी प्रभावित करता है। अगर इस बीमारी का जल्द ही इलाज ना किया जाए तो यह रोग बढ़ता ही जाता है। स्किन को भद्दा करने के साथ-साथ नसों को हमेशा के लिए खराब कर देता है। भारतीय समाज में इस रोग को बहुत ही गंदी नजर से देखा जाता है। भारतीय समाज में किसी को यह रोग होने पर उस व्यक्ति को घर से निकाल दिया जाता है। भारत में इस रोग के रोगियों की हालत बहुत ही दयनीय है।

कुष्ठ रोग 

 

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 लक्षण

  • मांसपेशी में कमज़ोरी
  • हाथों, बाहों, पैरों और पैरों में सुस्तता
  • त्वचा क्षति
  • त्वचा घावों के परिणामस्वरूप स्पर्श, तापमान या दर्द में सनसनी कम हो जाती है। वे कई हफ्तों के बाद भी ठीक नहीं होते हैं। वे आपकी सामान्य त्वचा टोन से हल्के होते हैं या उन्हें सूजन से लाल किया जा सकता है।

 

 

 

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