‘सुहाग नगरी’ के नाम से क्यों मशहूर है फ़िरोज़ाबाद, जानिए क्या है वजह

उत्तर प्रदेश में कई शहर ऐसे हैं जो अपनी अनोखी ख़ासियत और अपने अनगिनत क़िस्सों के कारण आज भी काफ़ी मशहूर हैं। यहां के कई शहर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के उन्हीं शहरों में से एक है फ़िरोज़ाबाद, जिसे सुहाग नगरी के नाम से जाना जाता है। यह शहर मुग़ल काल के समय से बसा हुआ है जिसकी चूड़ियां दुनियाभर में मशहूर है।

यहां की चूड़ियां देशभर में ख़ूब पसंद की जाती हैं। इसी कारण फ़िरोज़ाबाद को सुहाग की नगरी भी कहा जाता है। शुरुआत से ही फ़िरोज़ाबाद में चूड़ियों का कारोबार होता चला आ रहा है। यह कारोबार 200 साल पुराना है और इसी पर लोगों का जीवन व्यापन निर्भर करता है। यहां आज भी चूड़ियां हाथों से बनाई जाती हैं और उनमें रंग-बिरंगे रंग भरे जाते हैं। चूड़ियों के साथ ही यहां कांच का भी काम बड़े स्तर पर किया जाता है।

चूड़ियों के अलावा यहां झूमर, लैंप और अन्य कांच से जुड़ी चीजें ख़ूब मिलती है। इसके अलावा कांच के ख़ूबसूरत बर्तन आदि की बिक्री भी यहां पर खूब होती है। यहां बनने वाले सारे प्रोडक्ट्स होलसेल के दामों पर बिकते हैं। इस शहर में 400 से अधिक ग्लास वर्क यूनिट हैं। इनमें से ज्यादातर छोटे पैमाने पर औद्योगिक इकाइयों के अंतर्गत आते हैं।

फ़िरोज़ाबाद का नाम इससे पहले चंदवार नगर था। यमुना के किनारे बसे इस शहर की जनसंख्या काफ़ी घनी है। दरअसल सन 1194 में चंदवार के राजा चन्द्रसेन और मुहम्मद गौरी के बीच युद्ध हुआ था। जिसमें राजा चन्द्रसेन की हार हो गई थी, जिसके बाद मुग़लों ने इस शहर का नाम फ़िरोज़ाबाद रख दिया था। वहीं यहां पर फ़िरोज़ शाह ने अपना क़िला भी बनवाया था जो आज भी पर्यटकों के बीच काफ़ी मशहूर है।

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