शर्मनाक : भूख से मरी बच्ची की मां को गांव वालों ने बाहर निकाला

नई दिल्ली। भूख से मौत…. इन तीन शब्दों ने बीते दिनों झारखंड से लेकर केंद्र सरकार की बोलती बंद कर दी। प्रिंट से लेकर सोशल मीडिया तक पर राज्य में हुई बच्ची की भूख से मौत की खबर छाई रही। सीएम रघुवर दास ने रिपोर्ट तक मांगी तो वहीं कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान ने कमेटी गठित कर दी। इस मामने में अब बड़ी ‘कार्रवाई’ हुई है। जिस बच्ची की मौत भूख से हुई थी, उसकी मां को गांव से बाहर कर दिया गया है। ये फैसला गांव वालों ने लिया है। महिला पर आरोप लगाया गया कि तुम्हारी वजह से गांव की बदनामी हुई है।

भूख से मौत

भाजपा शासित राज्य झारखंड के सिमडेगा जिले में एक 11 साल की बच्ची सिर्फ इस लिए मर गई क्योंकि बच्ची के परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो पाया था। मामला सामने आते ही सड़क से संसद तक हंगामा मच गया। सीएम रघुवर दास ने रिपोर्ट मांगी और मुआवजे का ऐलान कर दिया था। इसी मामले में केंद्र सरकार में मंत्री रामविलास पासवान ने कमेटी गठित कर दी।

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इस मामले में गांव वालों का संवेदनहीन और अमानवीय चेहरा सामने आया है। भूख के कारण मौत का शिकार हुई 11 साल की बच्ची की मां को उसके गांव से बाहर निकाल दिया गया है। खबरों के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने महिला पर गांव की बदनामी करने का आरोप लगाया है। डरी सहमी महिला ने बाद में पंचायत घर में आश्रय लिया है। इस पर सिमडेगा जिला प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों से मामले की जांच करने को कहा है।

खाद्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर काम कर रहे एक संगठन द्वारा 15 अक्टूबर को खबर दिखाने के बाद मामला सामने आया था।

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बच्ची की मां ने एक बयान में कहा था कि उसकी बेटी की मौत भूख के कारण हुई है। साथ ही उसके परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत दुकानदार ने खाद्य अनाज नहीं दिया क्योंकि उसका आधार कार्ड, राशन कार्ड से जुड़ा हुआ नहीं था।

सिमडेगा जिला प्रशासन ने अब तक कहा है कि बच्ची संतोषी मलेरिया से पीड़ित थी और उसी बीमारी के कारण उसकी मौत हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हालांकि दावे को खारिज कर दिया है।

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को सिमडेगा जिले का दौरा किया था और उपायुक्त मंजुनाथ भजनतरी से कथित तौर पर भूख से हुई मौत के मामले में विस्तृत जांच रपट की मांग की थी।

बच्ची की मौत के बाद राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि पीडीएस दुकानों पर खाद्य अनाज पहचान पत्र दिखाकर वितरित किया जाएगा।

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