इतनी बार कर्नाटक गए तो फिर भी भद्रावती के लक्ष्मी-नरसिंह मंदिर के दर्शन नहीं किए तो कुछ नहीं किया

भारत हमेशा से ही मंदिर प्रधान देश रहा है। यहां पर अनगिनत मंदिर है। इस देश में मंदिरों की कोई कमी नहीं है। ऐसा ही एक लोकप्रिय स्थान है भद्रावती जो एक बहुत ही प्रसिद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह राज्य के प्राचीन स्थलों में से एक है, जिसका इतिहास कई सौ साल पुराना है। भद्रावती राजधानी शहर बैंगलोर से 255 कि.मी और जिला मुख्यालय से 20 कि.मी की दूरी पर स्थित है। इस शहर का नाम यहां पर बहने वाली नदी भद्रा पर रखा गया है।

भद्रावती

लक्ष्मी-नरसिंह मंदिर

कर्नाटक के भद्रावती को जो खास बनाता है, वो है यहां का प्रसिद्ध लक्ष्मी-नरसिंह मंदिर। यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जिसका संबंध 13 शताब्दी से है। जानकारी के अनुसार इस भव्य संरचना का निर्माण यहां शासन करने वाले होयसल राजवंश ने करवाया था। यह प्राचीन मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है। प्रसिद्ध इतिहासकार एडम हार्डी ने इस मंदिर की वास्तुकला शैली को ‘ट्रिपल श्राइन’ श्रेणी में रखा है। इस सरंचना के निर्माण में खास सोप स्टोन का इस्तेमाल किया गया है। वर्तमान में यह संरचना भारत के पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत स्थित है।

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मंदिर की खासियतें

इस मंदिर को खास इसका इतिहास और इसकी वास्तुकला बनाते हैं। यह मंदिर 13वीं शताब्दी से संबध रखता है। माना जाता है कि यह मंदिर अपने बनने के बाद से ही धार्मिक गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा है। आज भी यह मंदिर अपने क्षेत्र का प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। सरंचना की बात करें तो यह मंदिर एक उठे हुए आधार पर बनाया गया है। संरचना के निर्माण में सोप स्टोन का इस्तेमाल किया गया है। एक एक विशाल मंदिर है, जिसकी कारीगरी आंगतुकों को काफी ज्यादा प्रभावित करने का काम करती है। इतहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह प्राचीन मंदिर काफी ज्यादा मायने रखता है। मंदिर का वातावरण काफी शांत है, जहां आप अपार आत्मिक और मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। कुछ नया जानने वालों के लिए यह एक आदर्श स्थल है। भद्रावती भ्रमण के दौरान आप यहां आ सकते हैं।

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आने का सही समय

चूंकि यह मंदिर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यहां का तापमान साल भर सामान्य ही बना रहता है, लेकिन अगर आप गर्मियों की तेज धूप से बचना चाहते हैं, तो यहां का प्लान अक्टूबर से लेकर फरवरी के मध्य बना सकते हैं, इस दौरान यहां का मौसम काफी अनुकूल बना रहता है, और आप बिना किसी दिक्कत के आसपास के क्षेत्रों का भी भ्रमण कर सकते हैं।

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