पद्मावती : थरूर के बयान पर स्मृति ईरानी का पलटवार, सिंधिया-दिग्गी से मांगा जवाब
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विरोध दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रह है। मुद्दा इतना बड़ा हो गया है कि इस पर अब राजनीति शुरू हो गई है। फिल्म को लेकर देश भर में राजपूत समुदाय का विरोध जारी है। ऐसे में इस परिस्थितियां बद-से-बदतर होती जा रही हैं।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती, नितिन गडकरी समेत तमाम मंत्रियों ने भंसाली पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के महाराजाओं पर बयान के बाद सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें करारा जवाब दिया है।
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दरअसल, थरूर ने कहा था कि असलियत तो यह है कि इन तथाकथित महाराजाओं में हर एक जो आज मुंबई के एक फिल्मकार के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं, उन्हें उस समय अपने मान सम्मान की कोई चिंता नहीं थी जब ब्रिटिश इनके मान-सम्मान को पैरों तले रौंद रहे थे।
उन्होंने कहा कि उस समय तो वे खुद को बचाने के लिए भाग खड़े हुए थे। तो इस सच्चाई का सामना करो, इसलिए ये सवाल ही नहीं है कि हमारी मिलीभगत थी।
सिंधिया-दिग्गी को स्मृति ने घेरा
स्मृति ईरानी ने कांग्रेसी नेता के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘क्या सभी महाराजाओं ने ब्रिटिश के सामने घुटने टेके थे? ईरानी ने दिग्गी राजा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अमरिंदर सिंह से जवाब मांगा है।
भंसाली ने मांगी थी माफ़ी
वीडियो जारी कर संजय लीला भंसाली ने संदेश भी दिया था कि उन्होंने फिल्म पूरा संजीदगी से बनाई है और किसी की भावना को ठेस पहुंचाने जैसा कोई सीन नहीं है। लेकिन इसके बावजूद देशभर में पद्मावती को लेकर भारी बवाल जारी है।
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क्या है विवाद की जड़
कांग्रेस नेता शशि थरूर की ऐसे समय की गई हैं जब भंसाली के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राजपूत संगठनों ने भंसाली पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और हिंदू भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है।